लंदन में इस बार गणेश चतुर्थी का रंग कुछ अलग ही देखने को मिला। भारतीय समुदाय ने बड़े धूमधाम से गणेश उत्सव मनाया और पारंपरिक अंदाज में नदी में गणेश विसर्जन किया। सोशल मीडिया पर जैसे ही इस कार्यक्रम का वीडियो वायरल हुआ, इंटरनेट दो हिस्सों में बंट गया। एक ओर भारतीयों की आस्था और परंपरा को सलाम किया गया, तो दूसरी ओर कई लोगों ने पर्यावरण को लेकर चिंता जाहिर की। इस पूरे मामले पर बहस इतनी तेज हुई कि देखते ही देखते यह वीडियो अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया।
आस्था बनाम पर्यावरण: कौन जीतेगा यह जंग?
गणेश विसर्जन के दौरान भारतीय समुदाय ने इसे अपनी संस्कृति और परंपरा से जोड़ते हुए कहा कि यह सिर्फ एक धार्मिक क्रिया नहीं, बल्कि भारत की पहचान है। लंदन में रह रहे भारतीय परिवारों के लिए यह त्योहार उनकी जड़ों से जुड़ने का एक जरिया है। वहीं, दूसरी ओर कई पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसी भी जलस्रोत में मूर्तियां विसर्जित करने से पानी प्रदूषित होता है और यह स्थानीय इकोसिस्टम के लिए खतरा बन सकता है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर दोफाड़ हो गया—एक तरफ लोग परंपरा की रक्षा की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पर्यावरण को बचाने की अपील।
सरकार की चुप्पी और लोगों की बढ़ती प्रतिक्रिया
दिलचस्प बात यह है कि अब तक लंदन की स्थानीय सरकार ने इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, सोशल मीडिया पर भारतीय और विदेशी नागरिकों के बीच बहस लगातार बढ़ती जा रही है। कुछ लोग समाधान के तौर पर इको-फ्रेंडली मूर्तियों के उपयोग की सलाह दे रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि परंपरा से समझौता नहीं होना चाहिए। कुल मिलाकर, इस विसर्जन ने न केवल धार्मिक आस्था को बल्कि पर्यावरणीय संवेदनाओं को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है।