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क्या आप भी करते हैं ये चार्जिंग की गलतियां? जानिए कैसे फोन की बैटरी धीरे-धीरे खुद खत्म हो जाती है!

फोन चार्जिंग के दौरान की जाने वाली आम गलतियां आपकी बैटरी लाइफ घटा सकती हैं। जानिए किन आदतों से बचें ताकि फोन लंबे समय तक साथ दे।

Tech Tips

अक्सर लोग फोन को चार्जिंग में लगाकर छोड़ देते हैं, चाहे बैटरी 100% तक क्यों न पहुंच जाए। ऐसा करना सबसे आम और सबसे बड़ी गलती मानी जाती है। जब फोन पूरी तरह चार्ज हो जाता है और फिर भी प्लग में लगा रहता है, तो बैटरी पर लगातार प्रेशर पड़ता है, जिससे उसका परफॉर्मेंस कम होने लगता है।

इसके अलावा, कई लोग सस्ता या लोकल चार्जर इस्तेमाल करते हैं। ऐसे चार्जर बैटरी में करंट फ्लो को नियंत्रित नहीं कर पाते, जिससे ओवरहीटिंग की समस्या होती है और बैटरी के फटने तक की नौबत आ सकती है।

गर्मी में चार्जिंग से बचें, बैटरी की दुश्मन है ओवरहीटिंग

फोन को चार्ज करते समय अगर वह गर्म हो रहा है, तो तुरंत चार्जिंग हटा लें। गर्म माहौल में चार्ज करने से बैटरी के अंदर रासायनिक प्रक्रियाएं असामान्य हो जाती हैं, जिससे उसकी क्षमता घट जाती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि फोन को हमेशा ठंडी या नॉर्मल तापमान वाली जगह पर चार्ज करना चाहिए। कई लोग बिस्तर या तकिए के नीचे रखकर चार्ज करते हैं, जिससे फोन का तापमान और बढ़ जाता है — यही गलती फोन की असली उम्र घटा देती है।

चार्जिंग के वक्त गेमिंग या कॉलिंग न करें

कई यूज़र्स चार्जिंग के दौरान गेम खेलते हैं या वीडियो कॉल करते हैं। ऐसा करने से फोन की बैटरी और सर्किट दोनों पर दोहरा दबाव पड़ता है। फोन एक तरफ चार्ज हो रहा होता है और दूसरी तरफ पावर खर्च भी हो रही होती है।

इससे बैटरी की हेल्थ तेजी से गिरने लगती है और कुछ महीनों में ही उसका बैकअप कम हो जाता है। टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि चार्जिंग के दौरान फोन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ताकि बैटरी स्थिर रूप से चार्ज हो सके।

पूरी तरह डिस्चार्ज होने तक इंतज़ार करना भी गलत

कई लोग सोचते हैं कि फोन की बैटरी 0% होने के बाद ही चार्ज करना चाहिए, लेकिन यह धारणा गलत है। आधुनिक लिथियम-आयन बैटरियां 20-25% पर चार्ज करने के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।

पूरी तरह डिस्चार्ज होने पर बैटरी के सेल्स पर दबाव बढ़ता है और उनकी लाइफ कम होती जाती है। इसलिए कोशिश करें कि फोन 20% से नीचे न जाए और 80% तक चार्ज होते ही चार्जर निकाल दें।

असली चार्जर ही करें इस्तेमाल, नकली से बढ़ता है खतरा

स्मार्टफोन कंपनियां हर डिवाइस के साथ एक विशेष पावर आउटपुट वाला चार्जर देती हैं। ऐसे में अगर आप किसी दूसरे ब्रांड का चार्जर इस्तेमाल करते हैं तो वोल्टेज मिसमैच हो सकता है, जिससे फोन के मदरबोर्ड को भी नुकसान पहुंच सकता है।

हमेशा ऑरिजिनल या कंपनी-अप्रूव्ड चार्जर का ही प्रयोग करें। ये न केवल बैटरी को सुरक्षित रखते हैं बल्कि चार्जिंग की स्पीड और परफॉर्मेंस को भी बेहतर बनाते हैं।

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