अक्सर हम लोग ऑफिस या अपने काम के सिलसिले में लम्बे वक्त तक एक ही जगह और एक पोजिशन में बैठकर काम करते हैं। जिसके कारण हमे कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं। जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों न तरह की ही समस्याएं होने लगती है। एक जगह देर तक बैठे रहते हैं तो आपकी मांसपेशियों में खिचांव आने लगता है साथ ही इससे आपको पीठ दर्द की परेशानी होने लगती है। व्यस्तता के कारण हम सुबह ज्यादा देर तक वर्कआउट या जिम नहीं जा पाते है जिससे और ज्यादा समस्या होने लगती है। ऐसे में यदि आपके पास वर्कआउट करने का जरा सा भी वक्त नहीं है, तो आप पश्चिम नमस्कार करके अपनी इन परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि पश्चिम नमस्कार आसन कैसे करें:-
पश्चिम नमस्कार आसन (Paschim Namaskar Asana)
पश्चिम नमस्कार आसन को आप खड़े होकर या बैठकर दोनों प्रकार से कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए आप अपने दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और अपने दोनों हाथों को जोड़ते हुए प्रार्थना की अवस्था में आ जाएं। इस अवस्था में आप कम से कम 30 सेकंड तक रहें। फिर आप इसे दोबारा दो से तीन बार अवश्य दोहराएं।
ऐसे करे आरम्भ
सबसे पहले ताड़ासन से करें। इसके लिए आप अपने कंधो को ढीला रखकर और अपने घुटनों को थोड़ा मोड़े। उसके बाद अपने हाथों को पीछे की तरफ ले जाएँ और उँगलियों को नीचे की तरफ रखते हुए अपनी हथेलियों को जोड़े। फिर सांस भरते हुए उँगलियों को रीढ़ की हड्डी की तरफ मोड़ते हुए ऊपर की तरफ करें। आपकी हथेलिया एक दूसरे से अच्छे से सटी हुई और घुटने हल्का सा मुड़े हुए हो इस बात का ध्यान जरूर रखें। फिर कुछ देर तक इसी अवस्था में रहें। सांस छोड़ते हुए उँगलियों को नीचे की तरफ ले आए। हाथों को अपने सहज अवस्था में लें आये और ताड़ासन में आ जाएँ।
क्या है फायदा
- इस आसन को करने से पेट खुलता है जिससे गहरी साँसे लेना आसान हो जाता है।
- इस आसन को करने से पीठ के ऊपरी हिस्से में खिचाव आता है जिससे पीठ के दर्द से आराम मिलता है।
- कन्धों का जोड़ और छाती की मांसपेशियों में खिचाव आता है जिससे आपको दर्द से छुटकारा मिल जाता है।
- इस आसन को करने से आपको आपके मन को शांति मिलती है।