सर्दियां शुरू होने के साथ ही लोग अपने आराम के हिसाब से कंबल और रजाई चुनना शुरू कर देते हैं। आजकल कंबल अपने लुक और स्टाइल की वजह से काफी पसंद किए जा रहे हैं, जबकि पुरानी कपास वाली रजाई पहले जितनी लोकप्रिय नहीं रही। लेकिन रजाई की गर्माहट अभी भी कंबल से ज्यादा मानी जाती है। कंबल हल्का और आकर्षक होता है, जबकि रजाई मोटी और ज्यादा गर्माहट देती है, इसलिए बुजुर्ग आज भी रुई की रजाई को ही बेहतर मानते हैं।
रजाई की पारंपरिक अहमियत
पुराने समय में कपास की रजाई सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि एक परंपरा हुआ करती थी। शादी-ब्याह के समय बिस्तर और रजाई किराए पर नहीं ली जाती थी, बल्कि आस-पड़ोस के लोग इसे प्यार से दे जाते थे। रजाई को कई बार घर की महिलाओं द्वारा खुद ही बनाया जाता था, जिसमें एक अलग ही अपनापन और मेहनत जुड़ी होती थी। यही कारण है कि रुई वाली रजाई आज भी लोगों के दिलों में खास जगह रखती है।
सेहत के लिहाज से क्या है बेहतर?
विशेषज्ञ बताते हैं कि गर्मी को लंबे समय तक बनाए रखने की क्षमता कपास की रजाई में ज्यादा होती है। रुई शरीर की गर्माहट को जल्दी बाहर नहीं निकलने देती, जिससे ठंड में आरामदायक नींद मिलती है। कंबल हल्के जरूर होते हैं, लेकिन उनकी गर्मी उतनी देर तक टिकती नहीं है। जिन लोगों को सर्दी जल्दी लगती है, अस्थमा है या जोड़ों में दर्द होता है, उनके लिए रुई की रजाई आज भी बेस्ट विकल्प मानी जाती है।
आज के समय में कंबल क्यों पसंद किए जाते हैं?
कंबल आजकल फैशन, लाइट वेट और आसान वॉशिंग की वजह से फेमस हैं। मार्केट में कई तरह के डिजाइन और मटेरियल के कंबल मिल जाते हैं, जो देखने में आकर्षक लगते हैं। वहीं रजाई भारी होती है और उसकी धुलाई भी मुश्किल मानी जाती है। यही कारण है कि युवा पीढ़ी कंबल की तरफ ज्यादा झुक रही है। फिर भी, अगर असली गर्माहट की बात करें तो रुई की रजाई आज भी कंबल पर भारी पड़ती है।
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