भारतीय रुपये का गिरावट सिलसिला शुक्रवार को उस समय और तेज हो गया जब यह पहली बार डॉलर के मुकाबले 90 के ऊपर पहुंच गया। मिड-डे ट्रेड में हल्की रिकवरी के बावजूद रुपये पर दबाव बना रहा और यह 90.11 प्रति डॉलर पर ट्रेड करता दिखा। शुरुआती कारोबार में रुपये में 16 पैसे की कमजोरी दर्ज की गई, जो आर्थिक हलचल और विदेशी बाजारों की अनिश्चितता को साफ दर्शाता है। पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 89.95 पर बंद हुआ था, जबकि शुक्रवार को यह 90.07 पर खुला और कुछ ही समय में 90.11 पर लुढ़क गया।
डॉलर की बढ़ती मांग बनी मुख्य वजह
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कंपनियों, बड़े आयातकों और विदेशी निवेशकों द्वारा डॉलर की बढ़ी हुई मांग रुपये पर भारी पड़ रही है। आयातकों को अंतरराष्ट्रीय भुगतान के लिए ज्यादा डॉलर खरीदने पड़ रहे हैं, जिससे रुपये की मांग कमजोर हो रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा भारतीय बाजारों से लगातार पूंजी निकासी भी रुपये की कमजोरी को बढ़ा रही है। हालांकि, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स मामूली गिरावट के साथ 98.88 पर रहा, लेकिन इसका भारतीय रुपये पर खास फायदा नहीं दिखा।
कच्चे तेल की कीमतों ने बढ़ाया दबाव
रुपये की गिरावट की एक बड़ी वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की तेजी भी है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है, और तेल की हर बढ़ती कीमत का सीधा असर रुपये पर पड़ता है। तेल कंपनियों को ज्यादा डॉलर में भुगतान करना पड़ता है, जिससे डॉलर की मांग बढ़ जाती है। यही कारण है कि कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आने पर रुपये पर तुरंत दबाव देखने को मिलता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि क्रूड ऑयल इसी स्तर पर टिका रहा तो आने वाले दिनों में रुपये को स्थिर रखना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चुनौती हो सकता है।
आगे रुपये की चाल कैसी रहेगी?
मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि रुपये पर दबाव निकट भविष्य में भी जारी रह सकता है। विदेशी निवेशकों की निकासी, ग्लोबल बाजारों में उतार-चढ़ाव और घरेलू महंगाई के संकेत रुपये की मजबूती को रोक रहे हैं। हालांकि, भारतीय रिज़र्व बैंक बीच-बीच में बाजार में हस्तक्षेप कर रुपये को स्थिर रखने की कोशिश कर सकता है। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि वैश्विक स्थितियों में सुधार होता है और विदेशी निवेश दोबारा भारत की ओर रुख करता है, तभी रुपये में मजबूती लौटने की उम्मीद है।
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