Rahul Gandhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को कोर्ट में एक ऐसा बयान दिया, जिसने राजनीतिक हलकों में सनसनी फैला दी। राहुल ने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और अदालत से अपील की कि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी कि इतिहास को दोहराने न दिया जाए। राहुल का यह बयान न सिर्फ उनके खिलाफ चल रहे मामले की गंभीरता को बढ़ाता है, बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक टकराव के माहौल पर भी सवाल खड़े करता है।
प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन की मांग
राहुल गांधी ने कोर्ट से “प्रिवेंटिव प्रोटेक्शन” की मांग करते हुए कहा कि यह सिर्फ उनकी सुरक्षा का मामला नहीं, बल्कि एक बड़े लोकतांत्रिक सिद्धांत की रक्षा का सवाल है। उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक मतभेदों को खत्म करने के लिए चरमपंथी तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह बयान ऐसे समय आया है जब देश में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं और विपक्ष लगातार सत्ताधारी दल पर लोकतांत्रिक संस्थाओं के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है।
10 सितंबर को अगली सुनवाई
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 10 सितंबर को तय की है। तब तक सुरक्षा एजेंसियों पर राहुल गांधी की सुरक्षा रणनीति की समीक्षा करने का दबाव रहेगा। कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने भी उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि यह चेतावनी हल्के में नहीं ली जानी चाहिए। वहीं, सत्तारूढ़ दल के कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है। अब देखना यह होगा कि कोर्ट राहुल की अपील पर क्या रुख अपनाता है और क्या सचमुच देश में एक बार फिर इतिहास दोहराने की कोई साजिश पनप रही है।
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