Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने देश की राजनीति में नई सरगर्मी पैदा कर दी है। खबरों के मुताबिक, उन्होंने उपराष्ट्रपति एन्क्लेव (वीपी हाउस) में अपना सामान पैक करना शुरू कर दिया है—वह भी तब जब उनका इस्तीफा औपचारिक रूप से अभी-अभी मंजूर हुआ है। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस पूरी प्रक्रिया के दौरान उन्होंने किसी भी राजनीतिक दल या नेता से मुलाकात नहीं की। उनकी यह चुप्पी और अचानक गतिविधि यह संकेत दे रही है कि मामला सिर्फ व्यक्तिगत निर्णय नहीं, बल्कि कहीं न कहीं एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम भी हो सकता है।
15 महीने बाद अचानक रुख में बदलाव, बढ़ी अटकलें
धनखड़ ने करीब 15 महीने तक देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद की जिम्मेदारी निभाई। इस दौरान उन्होंने संसद के उच्च सदन की कार्यवाही में कई बार सख्त और निष्पक्ष रवैया अपनाकर सुर्खियां बटोरीं। लेकिन हाल के कुछ हफ्तों में उनकी सक्रियता में अचानक आई गिरावट अब संदिग्ध नजर आ रही है। सूत्रों के अनुसार, उन्होंने अपने स्टाफ को बहुत पहले ही निजी तौर पर सामान समेटने के निर्देश दे दिए थे। राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि क्या इस्तीफा सिर्फ औपचारिकता थी या इसके पीछे कोई सोची-समझी रणनीति छुपी है।
राजनीतिक संकेत या निजी फैसला? देश भर में चर्चाओं का दौर
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस तरह का अचानक इस्तीफा और वीपी हाउस से रवाना होने की तैयारी सामान्य प्रक्रिया नहीं हो सकती। क्या यह सत्ता के अंदर चल रहे किसी बड़े बदलाव का संकेत है? अभी तक न ही सरकार और न ही विपक्ष की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने आई है। देशभर में इस फैसले को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। सभी की निगाहें अब उस क्षण पर टिकी हैं जब धनखड़ खुद सार्वजनिक तौर पर अपने इस कदम की वजह सामने लाएंगे—अगर वो ऐसा करते हैं।
Read More-भदोही में धर्म परिवर्तन की साजिश? दो बेटियों की कस्टडी को लेकर पिता की हाईकोर्ट में दस्तक