UP News: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान ने एक बार फिर सुर्खियों में आकर अपने जीवन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि उनकी जान को गंभीर खतरा है और उनके विरोधी किसी भी वक्त उनकी हत्या करा सकते हैं। इसीलिए उन्होंने ‘Z’ श्रेणी की सुरक्षा की मांग की है। आजम खान का कहना है कि फिलहाल उन्हें ‘Y’ श्रेणी की सुरक्षा दी गई है, लेकिन यह उनके लिए पर्याप्त नहीं है। उनका आरोप है कि जिन लोगों से उन्हें खतरा है, उनके पास ‘Z’ श्रेणी सुरक्षा मौजूद है। ऐसे में अगर कोई साजिश होती है, तो उनके पास खुद की रक्षा के लिए कोई ठोस इंतज़ाम नहीं हैं।
मेरी माली हालत खराब है, घर बेचने की सोच रहा हूं
आजम खान ने अपनी आर्थिक स्थिति पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है, न पैसा और न संसाधन। उन्होंने बताया कि जेल से बाहर आने के बाद हालात इतने खराब हैं कि खर्च चलाने के लिए घर बेचने तक की नौबत आ गई है। उन्होंने कहा, “मेरे पास न दफ्तर बचा है, न संपत्ति। जो कुछ था, सब खत्म हो गया। अब लोग कहते हैं कि अगर मैं घर बेचूं, तो सरकार या प्रशासन उसे भी निगल जाएगा।”
पूर्व मंत्री का कहना है कि वे अब किसी राजनीतिक शक्ति या सरकारी विशेषाधिकार के भरोसे नहीं हैं। हालात ऐसे हैं कि न तो राजनीति में उनका वही प्रभाव बचा है, और न निजी जीवन में आर्थिक सुरक्षा।
वाई सिक्योरिटी से नहीं होगी जान की हिफाज़त
आजम खान ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने केवल औपचारिक तौर पर सुरक्षा दी है, लेकिन वास्तविक तौर पर यह सुरक्षा “कागज़ी” है। उन्होंने कहा कि जो सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, उनके पास जरूरी संसाधन, वाहन या ईंधन तक नहीं है। उनका कहना था कि, “मुझे ऐसे लोगों से खतरा है जिनके पास पूरी व्यवस्था और ताकत है। अगर सरकार मुझे बचाना चाहती है, तो सुरक्षा भी उसी स्तर की होनी चाहिए जैसी उन्हें दी गई है।” उन्होंने आगे कहा कि वाई कैटेगरी की सुरक्षा उनके लिए नाकाफी है क्योंकि “जिनसे खतरा है, उनके पास सत्ता का प्रभाव और सुरक्षा दोनों हैं।”
राजनीतिक सन्दर्भ और भविष्य
रामपुर के सियासी माहौल में आजम खान की यह चिंता कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। जेल से बाहर आने के बाद वह धीरे-धीरे अपने पुराने समर्थकों से संपर्क बना रहे हैं और पार्टी में अपनी भूमिका तय करने की कोशिश कर रहे हैं। मगर सुरक्षा, आर्थिक तंगी और राजनीतिक अस्थिरता — ये तीनों उनकी राह में बड़ी चुनौतियाँ बनकर खड़ी हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आजम खान का यह बयान न केवल उनकी निजी सुरक्षा का मुद्दा है, बल्कि यह राज्य की कानून-व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है। यदि किसी पूर्व कैबिनेट मंत्री को अपनी जान का खतरा महसूस हो रहा है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ना स्वाभाविक है।
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