विश्व क्रिकेट के इतिहास में 2025 का साल भारतीय महिला क्रिकेट के नाम दर्ज हो गया है। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने ICC महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर नया अध्याय लिख दिया। फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने दमदार प्रदर्शन करते हुए विपक्षी टीम को मात दी और देश का तिरंगा एक बार फिर विश्व मंच पर लहराया।
इस शानदार उपलब्धि के बाद पूरा देश खुशी से झूम उठा। सोशल मीडिया पर टीम की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए, और लाखों लोगों ने अपनी “क्रिकेट क्वीन” को सलाम किया। खिलाड़ियों की आंखों में जहां जीत की चमक थी, वहीं दर्शकों की आंखें गर्व से नम थीं।
भारत की इस जीत ने 1983 की याद ताजा कर दी, जब कपिल देव की कप्तानी में भारतीय पुरुष टीम ने पहली बार विश्व कप जीता था। अब चार दशक बाद, हरमनप्रीत कौर और उनकी शेरनियों ने वही कर दिखाया है – भारत को फिर से विश्व क्रिकेट के शिखर पर पहुंचा दिया है।
BCCI का बड़ा ऐलान – 51 करोड़ की बौछार, क्रिकेटर हुईं करोड़पति
टीम की ऐतिहासिक जीत पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खुलकर अपनी खुशी जाहिर की है। बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की कि भारतीय महिला क्रिकेट टीम को कुल ₹51 करोड़ रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। यह राशि खिलाड़ियों, कोच, चयनकर्ताओं और सपोर्ट स्टाफ के बीच बाँटी जाएगी।
सैकिया ने कहा कि “भारत की बेटियों ने सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं जीती, उन्होंने करोड़ों भारतीयों का दिल जीत लिया है। यह जीत आने वाली पीढ़ियों की महिला क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि बीते महीने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भी महिला क्रिकेट के लिए पुरस्कार राशि में 300 प्रतिशत की वृद्धि की है। पहले वर्ल्ड कप की प्राइज मनी करीब 3.88 मिलियन डॉलर थी, जिसे अब बढ़ाकर 14 मिलियन डॉलर कर दिया गया है। यह फैसला महिलाओं के खेल को वैश्विक स्तर पर सम्मान देने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
BCCI की इस घोषणा के बाद महिला खिलाड़ियों के चेहरों पर उत्साह साफ झलक रहा था। कई खिलाड़ियों ने कहा कि यह इनाम केवल पैसों की नहीं, बल्कि मेहनत, संघर्ष और सपनों की पहचान है।
ट्रॉफी विवाद ने बढ़ाई हलचल – सैकिया ने ACC पर कसा तंज
जहां एक ओर पूरा देश महिला टीम की जीत का जश्न मना रहा है, वहीं BCCI ने एशिया कप ट्रॉफी को लेकर Asian Cricket Council (ACC) पर सवाल खड़े किए हैं। देवजीत सैकिया ने बताया कि जब भारतीय पुरुष टीम ने दुबई में एशिया कप जीता था, तब तक वह ट्रॉफी अब तक BCCI के कार्यालय तक नहीं पहुंची है।
उन्होंने कहा, “हमने 10 दिन पहले ACC अध्यक्ष को पत्र भेजा था और ट्रॉफी भारत भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला। अगर हमें 3 नवंबर तक ट्रॉफी नहीं सौंपी जाती, तो हम ICC की दुबई बैठक में यह मुद्दा उठाएंगे।”
सैकिया के इस बयान के बाद क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। कई विशेषज्ञों ने कहा कि यह मामला खेल भावना और प्रशासनिक पारदर्शिता से जुड़ा है। वहीं क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि अब समय आ गया है जब महिला और पुरुष टीम दोनों को बराबर सम्मान मिले — चाहे वह ट्रॉफी की बात हो या इनाम की।
भारत की महिला टीम – नए युग की पहचान
इस जीत के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने साबित कर दिया कि अब क्रिकेट सिर्फ “जेंटलमैन गेम” नहीं, बल्कि “गेम ऑफ क्वीन” भी है। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, दीप्ति शर्मा, शेफाली वर्मा और पूनम यादव जैसी खिलाड़ियों ने मैदान पर जिस जज्बे और आत्मविश्वास के साथ खेल दिखाया, उसने दुनिया को प्रभावित किया है।
टीम के कोच और चयनकर्ताओं ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में खिलाड़ियों ने फिटनेस, मानसिक मजबूती और रणनीतिक कौशल पर कड़ी मेहनत की थी। यही मेहनत आज “वर्ल्ड कप” के रूप में रंग लाई है।
भारत की जीत के बाद प्रधानमंत्री, खेल मंत्री और कई दिग्गज क्रिकेटरों ने भी टीम को बधाई दी। सोशल मीडिया पर #WomenInBlue और #WorldChampions ट्रेंड कर रहा है।
नई दिशा, नया लक्ष्य
विशेषज्ञ मानते हैं कि इस जीत से भारत में महिला क्रिकेट की लोकप्रियता नई ऊँचाइयों पर पहुंचेगी। कई कॉर्पोरेट हाउस और स्पॉन्सर्स पहले ही महिला क्रिकेट में निवेश बढ़ाने की तैयारी में हैं। आने वाले महीनों में महिला IPL (WPL) के अगले सीज़न में भी खिलाड़ियों की कीमतें आसमान छूने की उम्मीद है।
BCCI के मुताबिक, अब महिला क्रिकेट को वही सुविधाएं और प्रोत्साहन दिए जाएंगे जो पुरुष टीम को मिलते हैं। बोर्ड का उद्देश्य है कि भारत जल्द ही महिला और पुरुष दोनों वर्गों में नंबर-1 क्रिकेटिंग नेशन बने।
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