India US GE-404 engine: भारत की रक्षा क्षमताओं को अब और मजबूती मिलने जा रही है। अमेरिका ने भारत को एडवांस फाइटर जेट्स के लिए बेहद शक्तिशाली इंजन देने का फैसला किया है, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। इस ऐतिहासिक रक्षा सहयोग से न केवल भारत को अपनी स्वदेशी लड़ाकू विमान निर्माण परियोजनाओं को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में भी बड़ा बदलाव आ सकता है।
यह समझौता अमेरिकी रक्षा कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) और भारत की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के बीच हुआ है। इसके तहत GE के F414 इंजन का भारत में उत्पादन होगा, जिसका इस्तेमाल भारत के आगामी तेजस मार्क-2 फाइटर जेट में किया जाएगा। यह इंजन अमेरिका के अत्याधुनिक F-18 और F-15 जैसे फाइटर जेट्स में भी इस्तेमाल होता है।
क्या है इसकी खासियत
F414 इंजन की सबसे बड़ी खासियत इसकी ताकत और भरोसेमंद प्रदर्शन है। यह इंजन तेजस मार्क-2 को सुपरसोनिक गति, बेहतर युद्ध क्षमता और लंबी दूरी तक मिशन को अंजाम देने की ताकत देगा। साथ ही भारत को भविष्य में 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान जैसे AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) को विकसित करने में भी यह तकनीक मददगार साबित होगी।
India on Monday received the second GE-404 engine from the US for the LCA Mark 1A fighter jet aircraft programme. Indian public sector firm Hindustan Aeronautics Limited (HAL) is expected to receive 12 GE-404 engines by the end of this financial year. The engines will be fitted… pic.twitter.com/RkZTUmKLqm
— ANI (@ANI) July 15, 2025
पाकिस्तान सहित बढ़ेगी पड़ोसी देशों की चिंता
इस समझौते से पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों की चिंता बढ़ना तय है। जहां पाकिस्तान अभी भी पुराने अमेरिकी और चीनी विमानों पर निर्भर है, वहीं भारत अब अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से लैस हो रहा है। यह रक्षा सहयोग केवल भारत की वायुसेना को ताकत नहीं देगा, बल्कि भारत की ‘मेक इन इंडिया’ नीति को भी मजबूती देगा। अमेरिका से तकनीक ट्रांसफर के जरिए भारत रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम उठा रहा है। साफ है कि आने वाले समय में भारत की आकाशीय सीमाएं और ज्यादा अभेद्य होंगी और दुश्मन देश इसे लेकर बेचैन रहेंगे।
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