लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद मुलायम परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है। चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच अनबन शुरू हो गई है। पहले सपा ने विधायक दल की बैठक में शिवपाल यादव को नहीं बुलाया गया, जिसे लेकर कई तरह के सवाल प्रदेश की सियासत में उठने लगे। इस बीच शिवपाल यादव ने विधानसभा सदस्यता की शपथ लेते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की है, जिसे बड़ा सियासी दांव कहा जा रहा है। पिछले लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं कि, अपर्णा यादव के बाद शिवपाल यादव भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।
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सपा के टिकट पर विधायक बने शिवपाल यादव के अखिलेश यादव के साथ 2016 ही रिश्ते ठीक नहीं थे, जिसका खामियाजा अखिलेश यादव को 2017 और 2019 के चुनाव में उठाना पड़ा था लेकिन 2022 के चुनाव में चाचा भतीजे एक साथ आ गए थे लेकिन चुनावी नतीजे उनके पक्ष में नहीं गए, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच अनबन की खबरें सामने आ रही हैं। बताया जा रहा है कि, शिवपाल यादव अब अपने भविष्य के लिए राजनीतिक विकल्प की तलाश में जुट गए हैं। बुधवार को सीएम योगी और शिवपाल यादव के बीच करीब बीस मिनट तक बातचीत हुई, जिसे प्रसपा अध्यक्ष ने शिष्टाचार भेंट बताया है।
शिवपाल यादव के करीबियों का कहना है कि, चुनाव के दौरान परिवार और सामाजिक दबाव की वजह से शिवपाल यादव ने काफी कुछ बर्दाश्त किया था लेकिन अब वो ऐसा कुछ भी नहीं करने वाले हैं। अपने नई मंजिलें वो तलाशने में जुट गए हैं। पत्रकारों ने जब शिवपाल यादव पूछा कि, बीजेपी के साथ न जाने को लेकर उनका जो संकल्प है। क्या वो अब भी बरकरार है तो इस पर उन्होंने कुछ भी नहीं बोला, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि, जल्द ही वो बड़ा फैसला ले सकते हैं, जिससे उनका भविष्य सुरक्षित हो।
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