लखनऊ। उत्तर प्रदेश की काशी में संत रविदास के दर पर मत्था टेककर पंजाब पहुंचे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि, यूपी-बिहार के भइयों को घुसने मत देना। सीएम के इस बयान के बाद यूपी-बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है। प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी में पार्टी को नई जान देने में जुटीं हुई हैं। वहीं चन्नी के बयान चुनावी मौसम में नया विवाद खड़ा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ दोनों ही राज्यों के दलों ने मोर्चा खोल दिया है। मायावती और सीएम योगी ने मांग की है कि, कांग्रेस सीएम को अपने बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए। वहीं अखिलेश यादव अब तक इस मामले में कुछ भी कहने से बचते हुए नजर आ रहे हैं।
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सीएम योगी ने साधा निशाना
चन्नी के बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, जनता विभाजन की प्रवृत्ति वाली पार्टी को मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस का यह संस्कार है। उसने देश को जातिवाद, भाषावाद, आतंकवाद, क्षेत्रवाद, नक्सलवाद के इतने जख्म दिए हैं, जिसकी वजह से देश उसे बार-बार ठुकरा रहा है। चन्नी जी संत रविदास जी की जंयती पर काशी आए थे। कम से कम सदगुरु के उपदेशों से कुछ प्रेरणा ले लेते तो संभवत: कुछ अच्छाहो गया होता लेकिन कांग्रेस की विभाजन की प्रवृत्ति बन चुकी है, जिसकी वजह से जनता उन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी।’
जनता सिखाएगी कांग्रेस को सबक
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘पंजाब के कांग्रेसी सीएम ने शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी में यूपी व बिहार के लोगों का जिस प्रकार से अपमान किया है वह अति शर्मनाक। ऐसे में इन दोनों राज्यों के लोग कांग्रेस को पंजाब व यूपी में भी हो रहे विधानसभा आमचुनाव में जरूर सबक सिखाएं। बिहार के लोग भी इसका जरूर उचित संज्ञान लें।’
दोस्ती की गुंजाइश को बरकरार
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से बचते हुए दिखाई दे रहे हैं। कहा जा रहा है कि, अभी भी सपा और कांग्रेस में दोस्ती की उम्मीद है। अगर चुनाव बाद कांग्रेस की जरूरत सपा को पड़ती है, कांग्रेस उसे समर्थन दे सकती है। यहीं वजह यही कि, अखिलेश के निशाने पर बीजेपी है।
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