लखनऊ। बाटला हाउस एनकाउंटर को आला हजरत बरेली शरीफ के मौलाना तौकीर रजा खां ने विवादित बयान दिया है। एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए तौकीर ने कहा है कि, मुठभेड़ में आतंकी नहीं मारे गए थे। वहीं दरोगा महेश चंद्र शर्मा की हत्या करने वाले भी पुलिस वाले थे। उन्होंने खुलासा किया है कि कांग्रेस ने उनसे वादा किया था कि 2009 में सरकार बनते ही बाटला हाउस एनकाउंटर की सबसे पहले जांच कराई जाएगी, लेकिन पार्टी ने ऐसा नहीं किया। मौलाना तौकीर ने पुलिस मुठभेड़ में मारे गए युवकों को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए कहा कि कांग्रेस को पुलिस के मनोबल की फिक्र थी, ना कि मुसलमानों के मनोबल की।
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समाचार एजेंसी एएनआई की तरफ से जारी वीडियो में तौकीर रजा कह रहे हैं कि, हम हमेशा से कांग्रेस के खिलाफ रहे। हमने पार्टी की गलत नीतियों की वजह से बहुत करीब से उसे देखा है। 2009 में कांग्रेस के साथ था मैं और मैंने उसे जितवाया था। मंच से ही मैंने बोला था कि, कांग्रेस ये न सोचे कि, उसे माफ़ कर दिया गया है। आपको कांग्रेस ने अभी पेरोल पर छोड़ा है, अगर काम आपका आगे भी ठीक रहेगा तो आगे के बारे में सोचा जाएगा।
2009 में सरकार बनने के बाद अगर कांग्रेस ने जांच कराई होती तो पता चल जाता कि, बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी था। मुठभेड़ में मारे गए युवक आतंकी नहीं थे। उन्हें शहीद का दर्जा मिलना चाहिए। वहीं इंस्पेक्टर महेश चंद्र शर्मा की हत्या हुई थी। उनेह पुलिस ने मारा था। जीत मिलने के बाद पार्टी ने कहा कि, जांच नहीं करवाएंगे।
मौलाना ने कहा कि, 2009 में उन्हें पुलिस के कमजोर मनोबल की ज्यादा परवाह थी। 20 करोड़ मुस्लिमों की कोई परवाह ही नहीं थी। आतंकी बोलकर हमारे बच्चों की हत्या कर दी गई, जिसे लेकर मेरी हमेशा कांग्रेस से शिकायत रही है।
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