लखनऊ। लॉकडाउन खत्म होने के बाद कुछ लोगों को लग रहा है सबकुछ पहले की तरह सामान्य हो जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ भी होने वाला नहीं है। सबकुछ सामान्य होने में काफी समय लगेगा, साथ ही साथ लोगों को अपने काम करने के तौर—तरीकों में बदलाव करना पड़ेगा। लॉकडाउन के बाद अन्य चुनौतियों की तरह शिक्षा क्षेत्र भी व्यापक चुनौती लिए सामने खड़ा है। रिजल्ट घोषित करने का समय है लेकिन अभी तक कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो सका है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन 5 मई से शुरू होने की उम्मीद है। इसके लिए शिक्षा विभाग की तरफ से प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है। ऐसा माना जा रहा है यदि प्रशासन से अनुमति मिल जाती है तो मई के अंत तक या जून के शुरुआती सप्ताह में रिजल्ट आने की उम्मीद है।
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खैर लॉकडाउन के बीच अभी प्रशासन की अनुमति का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो प्रशासन के पास मूल्यांकन की नई तिथि निर्धिरत करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से जारी लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म हो रही है। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि राज्य सरकार कॉपियों के मूल्यांकन की तारीख भी निर्धारित कर देगी। इससे पहले उपमुख्यंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने भी 5 मई से कॉपियों के मूल्यांकन शुरू करने के संकेत दिए थे, इसी आधार पर विभाग की तरफ से प्रस्ताव भेजा गया है। उपमुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि यदि प्रदेश में स्थिति सामान्य होती है तो कॉपियों के मूल्यांकन का काम 5 मई से शुरू कर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन होना है। जानकारी के अनुसार यूपी बोर्ड ने कांपियों के मूल्यांकन के लिए 275 केंद्र बनाए हैं। जहां पर 3 करोड़ कॉपियों का मूल्यांकन होना है। कहा जा रहा है कोरोना वायरस संक्रमण के संक्रमण से बचने के लिए कॉपी जांचने वाले परीक्षकों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। इस बार मूल्यांकन में पहले की अपेक्षा ज्यादा समय लग सकता है। सूत्रों की मानें तो एक केंद्र में दो विषयों की कॉपियों की जांच की जाएगी। इसमें 20-25 दिन का समय भी लग सकता है।
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