लखनऊ। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासत अपने उबाल पर है। नेताओं के बीच बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस क्रम में ही बसपा प्रमुख मायावती ने बीजेपी पर निशाना साधा है। मायावती ने बीजेपी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि बीजेपी का ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। इसपर कैसे विश्वास कर लें जब कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय से कर रहे हैं।
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 3 साल में पहली बार उत्पाद शुल्क कम करके जनता को दिवाली पर सरकार ने थोड़ी राहत का तोहफा दिया है। ठीक अगर सरकार अब दिवाली के बाद तीनों विवादित कृषि कानूनों को भी सरकार वापस ले ले तो किसानों के लिए यह एक तोहफा हो जाएगा। जो बेहतर होगा।
2. केन्द्र सरकार ने तीन साल में पहली बार उत्पाद कर थोड़ा घटाकर लोगों को इस बार दिवाली पर कुछ राहत का तोहफा दिया है। उसी प्रकार दिवाली के बाद ही सही यदि तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लेकर केन्द्र सरकार देश के किसानों को भी दिवाली का तोहफा दे देती है तो यह बेहतर ही होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 7, 2021
इससे पहले मायावती ने महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि ‘केन्द्र व सभी राज्य सरकारें भी लोगों के रोजमर्रा की जरूरी वस्तुओं खासकर खाद्यान्न आदि की कीमतों को नियंत्रित करने में पूरी तरह से विफल रही हैं, जिसका दुष्प्रभाव आमजन-जीवन के साथ-साथ दीपावली जैसे खास पर्वों पर भी पड़ा है। सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें।’
सपा-बीजेपी पर लगाया मिलीभगत का आरोप
मायावती ने ट्वीट कर कहा कि ‘सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान व उसेे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अन्दरुनी मिलीभगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है ताकि यहाँ यूपी विधानसभा आमचुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।’
‘सपा व भाजपा की राजनीति एक-दूसरे के पोषक व पूरक रही है। इन दोनों पार्टियों की सोच जातिवादी व साम्प्रदायिक होने के कारण इनका आस्तित्व एक-दूसरे पर आधारित रहा है। इसी कारण सपा जब सत्ता में होती है तो भाजपा मजबूत होती है जबकि बीएसपी जब सत्ता में रहती है तो भाजपा कमजोर।’
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