लखनऊ। कहते हैं कि गलत लत जल्द नहीं जाती। हर किसी को पता है कि गाड़ियों पर नंबर के सिवाय कुछ और लिखाना गलत है। बावजूद इसके लोग गाड़ियों पर यादव, क्षत्रीय, ब्राह्मण, जाटव आदि जातिसूचक शब्द लिखवाने में अपनी शान समझते हैं। लोगों की इस शान में गुस्ताखी करते हुए पीएम ने ऐसे जातिसूचक लिखे गाड़ियों चालान व सीज करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ की नाका पुलिस ने कल ‘सक्सेनाजी’ लिखे कार का पहला चालान काटा है। पुलिस के अनुसार यह कार कानपुर के आशीष सक्सेना नाम के व्यक्ति की है।
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गौरतलब है कि यह कार्रवाई वाहनों पर जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगाने के आदेश के तहत की गई है। जानकारी के अनुसार नाका कोतवाली में तैनात दरोगा दीपक कुमार दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के निकट गाड़ियों की चेकिंग कर रहे थे। इसी समय वहां से गुजर रही एक कार को भी जांच के लिए रोका गया। पुलिस को जांच में पता चला कि कार कानपुर निवासी आशीष सक्सेना की है। साथ ही उनकी कार के पीछे की तरफ शीशे पर ‘सक्सेनाजी’ लिखा हुआ था। इस पर नाका पुलिस ने एमवी एक्ट की धारा-177 के तहत कार का चालान काट दिया।
First Chalan under this law in Lucknow https://t.co/vCvdCk7daf pic.twitter.com/DBrJMJV9Xq
— Anil Tiwari (@Interceptors) December 27, 2020
बताते चलें कि परिवहन विभाग ने जातिसूचक लिखे वाहनों को सीज करने के आदेश प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से आए निर्देश के बाद जारी किए हैं। बताया जा रहा है इसके लिए महाराष्ट्र के शिक्षक हर्षल प्रभु का लिखा पत्र जिम्मेदार है। इसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश में दौड़ते ‘जातिवादी’ वाहनों को सामाजिक ताने-बाने के लिए बड़ा खतरा बताया था। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में कार-बाइक, बस-ट्रक ही नहीं ट्रैक्टर और ई-रिक्शा तक पर ब्राह्मण, क्षत्रिय, यादव, जाट, मुगल, कुरेशी लिखा हुआ दिख जाता है। इसी को देखते हुए मुंबई के उपनगर कल्याण के रहने वाले शिक्षक हर्षल प्रभु ने प्रधानमंत्री का ध्यान इस तरफ आकर्षित किया था। उन्होंने आईजीआरएस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस बात की शिकायत की थी।
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