लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कानून व्यवस्था के सवाल पर विपक्ष भले ही घेरने का प्रयास करता रहता हो पर सच यह भी है कि योगी राज में बदमाशों व दंगाइयों की कमर टूट सी गई है। योगी सरकार बनते है जिसे तरह अपराधियों के एनकाउंटर हुए इससे इस बात को इनकार नहीं किया जा सकता कि अपराधियों में कानून का भय नहीं है। हिंसा की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी बड़ा है और शायद यही वजह है कि सबसे ज्यादा अशांत भी यही राज्य रहता है। दिल्ली में सीएए के खिलाफ शुरुआती प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जमकर उपद्रव हुआ था। उपद्रवियों ने पूरे दिन खूब हिंसा, लूटपाट व आगजनी की थी, जिसमें काफी नुकसान भी हुआ था। इन सबके बावजूद योगी सरकार ने जो फार्मूला अपनाया उससे इनकी कमर टूटनी तय थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कराई गई। चौराहों पर उनकी होर्डिंग्स लगवाई गई और नुकसान का आकलन कर उनकी भरपाई का नोटिस भी दे दिया गया।
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योगी का वह फॉर्मूला सुपरहिट रहा, जिसमें बिना लाठी व गोली चलाए दंगाइयों को गहरा जख्म दिया गया है। आज दंगाई उस उक्त को कोस रहे हैं जब उन्होंने प्रदेश को जलाने के लिए सड़क पर उतरे थे। इन दंगाइयों के पास सरेंडर करने की जगह भागने का रास्ता भी नहीं बचा, क्योंकि हर प्रमुख स्थान पर फोटो के साथ इनकी होर्डिंग्स लगे है। कोर्ट में मुकदमे की सुनावाई भी शुरू हो गई है। हित—मित्र और रिश्तेदार भी ऐसे लोगों को शरण देने से कन्नी काट रहे हैं। जो लोग इन उपद्रवियों को नगदी आदि का लालच देकर सड़क पर उतारे थे वे अलीगढ़ व दिल्ली निकल लिए। अदालत ने संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए जुर्माना भी ठोकना शुरू कर दिया है। शहर में इनकी लगाई आग तो बुझ गई लेकिन उसके तपिश में उपद्रवी व उसका परिवार अब भी झुलस रहा है।
सीएए के विरोध में पश्चिम बंगाल से शुरू हुई हिंसा लगभग हर राज्य को छू गई। लेकिन जिस तरह दिल्ली हिंसा की आग में जली ऐसी उम्मीद किसी को न थी। केजरीवाल बेहतर सरकार चलाने के लाख दावे कर लें लेकिन दिल्ली हिंसा के दाग जितने केंद्र सरकार के दामन पर लगे हैं उससे कही ज्यादा आप सरकार पर भी हैं। क्योंकि इस हिंसा का मास्टर माइंड ही आम आदमी पार्टी का निकला। शहीनबाग प्रदर्शन को भी आम आदमी पार्टी के तरफ से हवा दी गई थी। चुनाव था इसे सभी पार्टियों को भूनाना भी था और सबने अपने हक के अनुसार भुनाया भी। लेकिन इसका नतीजा आम जनमानस भुगत रहा है। योगी के फार्मूले को विपक्षी दलों के साथ कुछ बुद्धिजीवि वर्गों की तरफ से गलत बताने का पूरा प्रयास किया गया। लेकिन आज योगी के इस फार्मूले से आम जनमानस काफी खुश है। सबकी जुबान पर यही बात है कि योगी ने दुगाइयों से नुकसान की भरपाई का रास्ता निकाल कर जो रास्ता अपनाया है यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
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खैर अब इस बात की चर्चा हो रही है कि दिल्ली में भी यही फार्मूला अपनाया जाएगा और उपद्रवियों से हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। यह होना भी चाहिए विशेष वर्ग के नाम पर मिल रही छूट का काफी फायदा उठाया जा चुका है, और इसी का खामियाजा आज पूरा देश भुगत रहा है। जिस तरह विरोध प्रदर्शन के नाम पर लोग आगजनी व तांडव मचाते रहते है, योगी यह फार्मूला अगर पूरे देश में लागू कर दिया जाए तो काफी हद तक आगजनी, तोड़फोड़ आदि जैसी घटनाओं पर अपने आप अंकुश लग जाएगा।
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