लखनऊ। गुरु नानक जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। पीएम के ऐलान के बाद सियासी दलों ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार के ऐलान के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि फैसला लेने में सरकार ने काफी देरी कर दी। उन्होंने कहा कि यह फैसला फैसला तो पहले ही लेना चाहिए था। मायावती ने कहा कि सरकार को किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों आर्थिक मदद और नौकरी दे सरकार। इस साथ ही एमएसपी पर भी जल्द फैसला ले सरकार।
इसे भी पढ़ें : कृषि कानूनों की वापसी पर राकेश टिकैत ने कहा – तत्काल वापस नहीं होगा आंदोलन
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, अमीरों की भाजपा ने भूमि अधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी। आरएलडी चीफ जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि यह किसान की जीत है, हम सब की जीत है, देश की जीत है।
अमीरों की भाजपा ने भूमिअधिग्रहण व काले क़ानूनों से ग़रीबों-किसानों को ठगना चाहा। कील लगाई, बाल खींचते कार्टून बनाए, जीप चढ़ाई लेकिन सपा की पूर्वांचल की विजय यात्रा के जन समर्थन से डरकर काले-क़ानून वापस ले ही लिए।
भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सज़ा कब मिलेगी।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 19, 2021
देश में पिछले करीब एक साल से कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे थे। 40 किसान संगठनों की मांग थी कि तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस ले। कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा है कि ‘मैं पीएम मोदी द्वारा किए ऐलान का स्वागत करता हूं। सदन से जब तक इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी। किसानों की समस्या इससे हल नहीं होगी। एमएसपी के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा। शनिवार को किसान संगठनों की महा बैठक होगी, जिसमे आगे की रणनीति को लेकर चर्चा होगी।
इसे भी पढ़ें : केशव मौर्य ने कृषि कानूनों की वापसी का किया स्वागत, कहा – राजनीतिक दुकान चलाने वालों को आज रात नहीं आयेगी नींद