चंडीगढ़। समाज, मान्यताओं और हैसियत के हिसाब से होने वाली शादियों का प्रकार भी बदल गए। अक्सर लोग महंगी शदियों का जिक्र करते हैं। शायद यही वजह दिखावे का प्रचलन बढ़ चला है। शादी का खर्च तो छोड़िए लोग इतने महंगे कार्ड छपवा रहे जिसका खर्च जानकर कुछ को यकीन नहीं होता। लेकिन हम यहां एक ऐसी शादी का जिक्र कर रहे है जिसका न शादी का कार्ड छपवाया गया और न ही कोई तामझाम ही हुआ। 17 मिनट की प्रक्रिया के बाद दूल्हा—दुल्हन जिंदगीभर के लिए एक—दूसरे के हो गए। यह अपने आप में अनोखी शादी थी जिसमें फेरे तक भी नहीं लिए गए।
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दूल्हा—दुल्हन ने सिर्फ रक्षा सूत्र बांध कर एक—दूसरे के हो गए। यह शादी हरियाणा के जींद शहर में हुई। विकास की दौड़ में जींद को काफी माना जाता है। जानकारी के मुताबिक जींद शहर के हरिनगर मोहल्ले में सुखदेव दास की बेटी सुनीता की शादी भीखेवाला गांव के मास्टर मनीराम के बेटे दीपक के साथ बेहद सादे माहौल में संपन्न हुई। इस शादी में न तो कार्ड छपवाया गया, न ही किसी को आमंत्रित किया गया। बिना बाजा बारात के होने वाली इस शादी में दूल्हा भी घोड़ी पर नहीं चढ़ा।
कबीरपंथी संत रामपाल महाराज के निर्देशानुसार 17 मिनट के भीतर यह शादी पूर्ण करवा दी गई। खैर सादगी के चलते इस शादी की चर्चा तो खूब हो रही है। लेकिन शादी भी एक उत्सव है, जिसे खुशी के बीच मनाना चाहिए। शादी में हम अगर दोस्त—रिश्तेदारों को नहीं बुलाएंगे तो रिश्तों के वजूद का संकट बढ़ जाएगा।
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