लखनऊ: होली का त्योहार सभी को बहुत भाता है और अब होली को कुछ ही दिन बचे हैं। जो लोग अपने घरों से दूर रहते हैं या अपने परिवार के साथ नहीं रहते हैं उन्होंने ऑफिस से छुट्टी लेने का प्रोग्राम बना लिया होगा। परन्तु अगर आप विदेश में हैं और होली पर घर आने की छुट्टी नहीं मिल रही है तो निराश मत होइए। विदेश में रहने के बाद भी आप होली खेल सकते हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित अशोका इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्रों द्वारा बनाई गई हाईटेक पिचकारी से लोग घर बैठे आपके ऊपर रंग डाल सकेंगे। इतना ही नहीं, यह पिचकारी न केवल आपको केमिकल रंगों से बचाएगी, बल्कि पयार्वरणीय दृष्टि से काफी सुरक्षित है।
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इस हाईटेक पिचकारी को बनाने वाली बीटेक छात्रा अनामिका विश्वकर्मा और जतिन मेहरोत्रा ने बताया कि महज 15 दिन में बनने वाली पिचकारी की कई खूबियां हैं। यह न सिर्फ मोबाइल से संचालित होगा, बल्कि रिमोट कंट्रोल से भी 2०० मीटर दूर बैठे व्यक्ति पर हर्बल रंग चढ़ाया जा सकेगा और इस पिचकारी से आप होली के मजे ले सकते हैं। इस पिचकारी की यह खूबी है कि इसमें केमिकल युक्त रंग का उपयोग नहीं होगा। केमिकल युक्त रंग का उपयोग न होने के कारण स्वास्थ्य की दृष्टि से यह पिचकारी बहुत ही लाभदायक है। इस पिचकारी में पयार्वरण सुरक्षा का भी ख्याल रखा गया है।
दूर रहकर पेड़-पौधों में डाल सकते हैं पानी
इस पिचकारी कि सबसे बड़ी खूबी यह है कि आप बाहर रहते हुए भी अपने पेड़-पौधों को इसके माध्यम से सींच सकते हैं। अगर आप घर से दूर हैं और आपके पेड़-पौधे सुख रहे हैं तो आप अपने पौधों में पानी डाल सकते हैं। इससे आप पर्यावरण की रक्षा बड़ी ही आसानी से कर सकते हैं।
रिमोट कंट्रोल से भी होती है संचालित
इस पिचकारी में एक एक सेंसर लगा है जिसके कारण यह पिचकारी रिमोट की सहायता से चलायी जा सकती है। ठीक उसी प्रकार जिस तरह से एक खिलौने को रिमोट कंट्रोल से चलाया जाता है उसी प्रकार से पिचकारी को भी रिमोट कंट्रोल के माध्यम से चलाया जाएगा। इसे 2०० मीटर की रेंज तक प्रयोग कर सकते हैं। रिमोट कंट्रोल में दो बटन हैं। एक इसमें हरा रंग फेंकता है और दूसरा लाल फेंकता है।
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विदेशों में बैठे लोगों पर डाल सकेंगे रंग
इस पिचकारी को इंटरनेट से संचाालित करने की व्यवस्था बनाई गई है। इसे इंटरनेट से चलाने के लिए एंड्रॉइड मोबाइल से कनेक्ट करने के बाद वाट्सएप से मैसेज कमांड भेजेंगे। इसमें आरएफ सेंसर के वजह वाइब्रेट होगा। इसके बाद नोटिफेकिशन आएगा। फिर सेंसर से पिचकारी ऑन होकर कलर डालेगी। इसमें जिसके साथ होली खेलनी है उसके पास पिचकारी होना जरूरी है। बाकी दूसरी ओर से इसे इंटरनेट से कंट्रोल किया जा सकेगा। इसमें दिव्यांग भी रिमोट और फोन के माध्यम से होली खेल सकते हैं। केमिकल से एलेर्जी वाले व्यक्ति भी इससे रंग खेल सकते हैं।
पिचकारी बनाने में लगा इतना खर्च और समान
रिमोट कंट्रोल को बनाने में 3०० से 4०० रुपये के बीच खर्च होगा। इसके अलावा इंटरनेट कंट्रोल बनाने में 8०० रुपये का खर्च आया है। इसमें 9 वोल्ट की बैट्री और इलेक्ट्रिक पम्प आरएफ सेंसर और रिमोट का प्रयोग हुआ है।
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