लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव तैयारियों में सभी पार्टियां लगी हुई है। इस ही बीच नज़र आ रहा है कि अखिलेश यादव एक बार फिर से चाचा शिवपाल के साथ सब ठीक करना चाहते है। लेकिन चाचा अभी भी भतीजे से नाराज है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिम्पल यादव के साथ होली मानने सैफई आए हुए थे। अखिलेश के पहुंचने के बाद नेता जी मुलयाम सिंह यादव भी कोठी पहुंच गए। होलिका दहन के दिन पूरा यादव परिवार सैफई में ही मौजूद था। अखिलेश और मुलायम ने कार्यकर्ताओं को होली की शुभकामनाएं दी और साथ ही सत्ता में बैठी बीजेपी पर जमकर निशाना साधा।
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होली वाले दिन अखिलेश जब मंच पर बोल रहे थे तभी चाचा रामगोपाल और शिवलाल भी पहुंच गए। इस मौके होली अखिलेश ने शिवपाल के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। चाचा शिवपाल ने भतीजे को आशीर्वाद तो दिया। लेकिन वो नाराज दिखे और अखिलेश की तरफ बिना देखे और रुके आगे बढ़ गए। खास बात यह रही कि होली के मौके पर शिवपाल ने अपने बड़े भाई रामगोपाल के भी पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। लेकिन शिवपाल से रामगोपाल और अखिलेश भी नजरें फेरे रहे। भाई शिवपाल के पहुंचने के कुछ समय बाद ही मुलायम सिंह यादव मंच से उठकर नीचे चले गए। जिसके बाद अखिलेश ने माइक पकड़ लिया।
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अखिलेश बोल ही रहे थे कि शिवपाल की मौजूदगी से उत्साही कार्यकर्ता चाचा-भतीजा जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। इस नारेबाजी को सुनकर अखिलेश नाराज हो गए। अखिलेश ने नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं से कहा कि मर्यादा में रहो, अगर इस तरह अब फिर किया तो अगली वर्ष से होली मनाने यहां नहीं आऊंगा। अखिलेश ने कहा कि त्योहार अपनी जगह है राजनीति अपनी जगह। मंच पर अखिलेश और शिवपाल के बीच में कोई भी बात नहीं हुई। तो वहीं चाचा और खुद के नाम को जोड़कर जो नारेबाजी हुई उससे नाराज अखिलेश को देखकर यही लगता है कि चाचा भतीजे का एक साथ आना अभी मुमकिन नहीं है।
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