नई दिल्ली। कांग्रेस के करीबी मानें जाने वाले सतीश शर्मा का बुधवार को गोवा में निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। वह कैंसर से पीड़ित थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे। आज शुक्रवार को उनका अंतिम संस्कार किया गया। कभी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के खास दोस्त माने जाने वाले सतीश शर्मा को राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी ने नंगे पैर पार्थिव शरीर को कंधा दिया।
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— Munnish Puri (@MunnishPuri) February 19, 2021
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी माने जाने वाले सतीश शर्मा की राजनीति में एंट्री भी राजीव गांधी की ही वजह से हुई थी।
Congress leader shri @RahulGandhi ji pays tribute to the Late Capt Satish Sharma ji. pic.twitter.com/v47OXHDOyP
— Youth Congress (@IYC) February 19, 2021
आंध्र प्रदेश के सिकंदराबाद में 11 अक्टूबर, 1947 को जन्मे सतीश शर्मा राजनीति में आने से पहले पेशेवर कमर्शियल पायलट बने थे, लेकिन राजीव के कहने पर उन्होंने राजनीति ज्वाइन की। इसके बाद उन्होंने रायबरेली और अमेठी से चुनाव लड़ा और तीन बार लोकसभा सदस्य चुने गए।
पेट्रोल पंप आवंटन से फंस गये थे विवाद में
साल 1986 में सतीश शर्मा को पहली बार राज्यसभा जाने का मौका मिला। इसके बाद साल 1093 से 1996 में जब देश में नरसिम्हा राव सरकार थी तब वह बतौर पेट्रोलियम मंत्री कार्यरत थे, लेकिन पेट्रोल पंपों के आवंटन को लेकर विवाद छिड़ गया, जिसमें उनका नाम मुख्य रूप से सामने आया। सुप्रीम कोर्ट ने 1997 में उनके द्वारा आवंटित की गयी सभी पेट्रोल पंपों का आवंटन रद्द कर दिया गया कर उन पर 50 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई थी। हालांकि कोर्ट ने बाद में इस पेनल्टी को ख़त्म कर दिया था लेकिन इस विवाद की छाया से कैप्टन सतीश शर्मा कभी बाहर नहीं निकल सके।
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