जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान सरकार पर सियासी संकट के बादल छाते जा रहे हैं। कांग्रेस में बढ़ अंदरूनी झगड़ा सरकार को संकट में डाल सकता है। सूत्रों की मानें तो सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट में मतभेद काफी गहराता जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मानेसर में कांग्रेस के 10 से ज्यादा विधायक मौजूद हैं। सचिन पायलट कैंप के कई विधायकों के फोन बंद चल रहे हैं। विधायकों को किसी भी वक्त दिल्ली बुलाया जा सकता है। वहीं अब खबर आ रही है कि राजस्थान एसओजी ने डिप्टी सीएम सचिन पायलट को नोटिस जारी किया है। नोटिस की वजह से सचिन पायलट सरकार से नाराज हैं।
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बता दें कि सचिन पायलट अपने कई समर्थक विधायकों के साथ इस समय दिल्ली में हैं। खबरों की मानें तो सचिन ने अब प्रेशर पॉलिटिक्स का रुख अख्तियार कर लिया है। कहा जा रहा है पीसीसी चीफ का पद नहीं छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए आलाकमान की तरफ से सचिन पायलट को इशारा मिल चुका है। जानकारी की मानें राजस्थान के सभी 13 निर्दलीय विधायकों को एसओजी ने नोटिस जारी किया है। ये सभी कांग्रेस के समर्थन में थे। सचिन पायलट समर्थक मंत्री रमेश मीणा को भी एसओजी की तरफ से नोटिस जारी हुआ है।
राजस्थान कांग्रेस में मचे उथल—पुथल पर कपिल सिब्बल ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा है कि राजस्थान में पार्टी के संकट को लेकर चिंतिति हूं। उन्होंने कहा है कि सब कुछ हाथ से निकल जाएगा तब जागेंगे। वहीं कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने पार्टी में चल रहे संकट को लेकर भाजपा को जिम्मेदार बताया है। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि मौजूदा समय में राजस्थान में सत्ता के दो केंद्र बन गए हैं। इसके चलते राज्य में कोई काम नहीं हो रहा है।
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