नई दिल्ली। केंद्र सरकार अब पीएफ, ग्रेच्युटी और काम का घंटों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। यह बदलाव आगामी एक अप्रैल से देखने को मिल सकता है। 73 वर्षों में ऐसा पहली बार होगा जब श्रम कानूनों में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस बदलाव का असर कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और भविष्य निधि पर पड़ेगा।
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कर्मचारियों की ग्रेच्युटी आर भविष्य निधि में बढ़ोतरी हो जाएगी जबकि हाथ में आने वाली सैलरी काम होगी। यहां तक की इससे बैलेंस शीट भी प्रभावित होगी। इसी कड़ी में पिछले साल संसद में पारित किए गए तीन मजदूरी संहिता विधेयक (कोड ऑन वेजेज बिल)। इन विधेयकों के इस साल 1 अप्रैल से लागू होने की संभावना है। आपको बता दें कि इस कानून के लागू होने के बाद ग्रेच्युटी और पीएफ में होने वाली बढ़ोतरी का फायदा कर्मचारी को उनके रिटायरमेंट के दौरान मिलने वाली राशि में होगा। इससे रिटायरमेंट के बाद उसका जीवन सुखमय होगा।
प्रभावित होगी बैलेंस सीट
पीएफ और ग्रेच्युटी बढ़ने से कंपनियों की लागत में भी बढ़ोतरी होगी क्योंकि उन्हें भी कर्मचारियों के लिए पीएफ में ज्यादा योगदान देना पड़ेगा। इससे कंपनियों की बैलेंस सीट प्रभावित होगी। वहीं इस बदलाव का असर उच्च भुगतान वाले अधिकारियोंके वेतन पर अधिक पड़ेगा। इसके साथ ही नए ड्राफ्ट कानून में कामकाज के अधिकतम घंटों 12 घंटे करने का प्रस्ताव पेश किया है,लेकिन कर्मचारी को लगातार पांच घंटे से अधिक काम करने के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
आधे घंटे का देना होगा विश्राम
नए नियम के मुताबिक कर्मचारियों को हर पांच घंटे के बाद आधे घंटे का विश्राम देना अनिवार्य होगा। वहीं 15 से 20 मिनट के काम को 30 मिनट के ओवर टाइम में शामिल किया जायेगा। इसके पहले 30 मिनट से कम समय को ओवर टाइम में नहीं माना जाता था।
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