नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान के प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक बटन दबाकर किसान सम्मान निधि की अगली किश्त को जारी कर दिया है। इससे देश के 9 करोड़ किसान लाभार्थियों के खातों में 18 हजार करोड़ रुपए बस एक क्लिक से ट्रांसफर हो गए हैं। वहीं किसान सम्मान निधि की किश्त ट्रांसफर किए जाने के बाद प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए छह राज्यों के किसानों से बातचीत भी की। इसी के तहत अरुणाचल प्रदेश के एक किसान से संवाद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग झूठ बोलकर किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं। किसानों से कहा जा रहा है कि आपकी फसल का कांट्रैक्ट करेगा, तो कुछ लोग जमीन छीन लिए जाने की बात कहकर गुमराह करने में लगे हुए हैं।
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इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशी आने से हम सभी के जीवन में खुशहाली आती है। आज का दिन काफी पावन है। इस पावन अवसर पर देश के किसानों को सम्मान निधि मिली है वह कई अवसरों का संगम है। उन्होंने खेद जताते हुए कहा कि आज मुझे इस बात का अफसोस है कि पश्चिम बंगाल के 70 लाख से अधिक किसान भाई-बहनों को किसान सम्मान निधि का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जबकि यहां के 23 लाख से अधिक किसान इस योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन भी कर चुके हैं, लेकिन राज्य की ममता सरकार ने वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पर ही रोक लगा रखा है।
Working for the welfare of our hardworking farmers. #PMKisan https://t.co/sqBuBM1png
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2020
विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वाथ की राजनीति करने वालों को जनता बारीकी से देख और समझ रही है। जिस दल के लोग पश्चिम बंगाल के किसानों के अहित पर चुप रहते हैं उसी दल के लोग किसानों के नाम पर दिल्ली वालों को परेशान करने में लगे हुए हैं। देश की अर्थनीति को चौपट कर देना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल में जिन लोगों ने 30-30 वर्षों तक राज किया और एक ऐसी राजनीतिक विचारधारा को लेकर राज्य को कहां लाकर खड़ा कर दिया है, उसे पूरा देश देख रहा है। विपक्ष पर बरसते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं इन दलों से पूछना चाहता हूं कि यहां फोटो छपने के लिए कार्यक्रम करते हो, जरा केरल में एपीएमसी चालू करवाने के लिए आंदोलन करो। पंजाब के किसानों को गुमराह करने के लिए आपके पास वक्त है लेकिन केरल में यह व्यवस्था लागू कराने के लिए आपके पास समय नहीं है। स्वार्थ की राजनीति करने वाले आखिर दोहरा चरित्र क्यों अपनाते हैं।
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