नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया पर चौतरफा संकट मंडरा रहा है। संक्रमण की वजह से जहां दुनियाभर में लोग बीमार पड़ रहे हैं और अपनी जान गँवा रहे है। वहीं, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य व कृषि संगठन (UNFAO) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) को सौंपी एक रिपोर्ट में आशंका जताई है कि इस साल दुनियाभर में भुखमरी का सामना करने वालों की संख्या लगभग दोगुनी हो सकती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया में पिछले साल से ही खाद्य असुरक्षा बढ़ती जा रही थी। अब कोरोना संकट की वजह से हालात पहले के मुकाबले और अधिक खराब हो सकते हैं। पेट भर भोजन नहीं पाने वालों की संख्या 2020 में बढ़कर 26.5 करोड़ हो सकती है, जो 2019 में 13.5 करोड़ थी ये अनुमान डब्ल्यूएफपी का है।
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डब्ल्यूएफपी और यूएनएफएओ की संयुक्त राष्ट्र को सौंपी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में 55 देशों में 13.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य संकट का सामना कर रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है 2020 और 2019 के दौरान 50 देशों के खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे लोगों के जुटाए गए आंकड़ों की तुलना की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि खाद्य संकट में वृद्धि की प्रमुख कारण विवाद, आर्थिक झटके और सूखा या बहुत अधिक बारिश जैसे मौसम से जुड़े संकट भी हैं। रिपोर्ट में यह भी है कि पहले से खाद्य संकट का सामना कर रहे लोगों के लिए कोविड-19 महामारी के कारण स्थिति अधिक चिंताजनक हो सकती है। इन लोगों पर वैश्विक महामारी के चलते स्वास्थ्य और सामाजिक आर्थिक झटके की मार सबसे अधिक पड़ेगी।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस साल वैश्विक स्तर पर भुखमरी का सामना करने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो जाएगी। इसके बाद G-20 देशों के कृषि मंत्रियों ने पर्याप्त वैश्विक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करने का संकल्प किया है। समूह देशों के कृषि मंत्रियों ने बताया कि हम सबसे उन्नत, सबसे कमजोर और विस्थापित लोगों सहित दुनिया के हर व्यक्ति के लिए पर्याप्त, सुरक्षित, सस्ता, पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के लिए सहायता करेंगे। सऊदी अरब की तरफ से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग के बाद बताया गया कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण हालात में हम खाद्य आपूर्ति श्रृंखलाओं में खाद्यान्न के नुकसान और बर्बादी से बचने पर जोर देते हैं इस कारण खाद्य असुरक्षा और पोषण संबंधी आर्थिक नुकसान को रोका जा सकता है।
अक्टूबर, 2019 में जारी ग्लोबल हंंगर इंडेक्स के अनुसार, भारत सूची में 102वें नंबर पर था। इसमें बताया गया था कि 2014 के बाद भारत में भुखमरी को लेकर हालात में बेहद अधिक सुधार नहीं आया था। वहीं, पाकिस्तान (94वें), बांग्लादेश (88वें), नेपाल (73वें) और श्रीलंका (66वें) भारत से बेहतर स्थित में थे। जीएचआई की 2014 में जारी रिपोर्ट में भारत 76 देशों की लिस्ट में 55वें और 2017 में 119 में से 100वें पायदान पर था। जबकि भारत भुखमरी की इस सूची में शामिल 119 देशों में 103 नंबर पर था। वेल्थ हंगर हिल्फे एंड कन्सर्न वर्ल्डवाइड द्वारा बनाई गई रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत दुनिया के उन 45 देशों में शामिल है जहां भुखमरी अधिक गंभीर स्तर पर है।
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