नई दिल्ली। भारत ने समय से लॉकडाउन करके भले ही अन्य देशों के मुकाबले कोरोना वायरस पर समय काबू पा लिया हो लेकिन यहां सावधानी अभी भी काफी जरूरी है। भारत में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में अचानक एक बार फिर से तेजी से बढ़ोत्तरी होती दिख रही है। देशभर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 हजार के पार चली गई है। बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 1383 नए केस सामने आए हैं, वहीं 50 लोगों की मौत भी हुई है। इन सब के बीच सकून देने वाला आंकड़ा यह भी है कि 3870 लोग इस संक्रमण की चपेट से पूरी तरह से ठीक भी हुए हैं। इन सबके बावजूद भी भारत में कोरोना का प्रकोप मई के मध्य तक अपने चरम पर पहुंच सकता है। यह दावा ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म प्रोटिविटी और टाइम्स नेटवर्क ने कोविड-19 के फैलाव पर अध्ययन कर किया है।
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ज्ञात हो कि टाइम्स फैक्ट इंडिया की रिपोर्ट ने तीन अलग-अलग संभावनाओं और सुझाव के आधार पर कहा है कि भारत में 22 मई के आसपास कोरोना वायरस के मामलों की संख्या 75 हजार के पार पहुंच सकती है। कोरोना वायरस की प्रगति रिपोर्ट तैयार करने के लिए टीम ने तीन मॉडल तैयार किए हैं। सभी मॉडल एक अनुमान प्रदान करता है कि विभिन्न परिस्थितियों में प्रकोप कैसे हो सकता हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस मामले से कैसे निपटेगी। रिपोर्ट में तीन मॉडलों का प्रयोग किया गया है। इसमें प्रतिशत-आधारित (परसेंटेड मॉडल), समयचक्र (टाइम सीरीज मॉडल) और सस्पेक्टिबल एक्सपोज्ड इंफेक्टेड रिकवर्ड (एसईआईआर) मॉडल का प्रयोग किया गया है।
टाइम सीरीज मॉडल (दैनिक आधार पर नए मामलों की संख्या) का प्रयोग चीन और कोरिया के मामलो में किया गया। एसईआईआर मॉडल से यह पता चला कि एक संक्रमित कितने व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। इन तीनों मॉडल को जोड़कर कर छह तरह की परिस्थितयों का अनुमान लगाया है। इस अनुमान से यह इशारा मिलता है कि लॉकडाउन से कितना सुरक्षित है और इसके हटाने के बाद क्या हो सकता है।
रिपोर्ट में इसकी भी चर्चा है कि लॉकडाउन आगे बढ़ने पर कोरोना का रिप्रोडक्शन रेट 0.8 रहेगा जो 0 से आठ व्यक्तियों तक फैलने की संभावना रहेगी। पहली स्थिति में अगर लॉकडाउन 15 मई तक बढ़ाया जाएगा तो केस टैली 15 सिंतबर तक जीरो हो सकता है। वहीं दूसरी स्थिति में लॉकडाउन को 30 मई तक अगर बढ़ाया जाए तो मध्य जून तक केस टैली जीरो तक पहुंचने की उम्मीद है।
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