Badruddin Ajmal Statement: बदरुद्दीन अजमल जो कि लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के प्रमुख है. उन्होंने असम के मुस्लिम समुदाय से आगामी 10 जुलाई को होने वाली ईद के दौरान गायों की बलि ना देने का आग्रह किया है. उनका ये बोलना है कि इस्लाम में किसी जानवर को कष्ट देने की बात नहीं बोली गई , जब हिंदू गाय को मां के रूप में पूजा करते है, तो उसे क्यों मारना?
बदरुद्दीन अजमल ने कही यह बात
बदरुद्दीन अजमल ने बोला कि इस्लाम में बताया गया है कि यदि कोई मुसलमान एक चिटी को भी कष्ट दे तो उसे स्वर्ग प्राप्त नहीं होगा. बदरुद्दीन असम जमीयते उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बोला कि, “भारत कई अलग-अलग समुदायों, जातीय समूहों और धर्मों के व्यक्तियों का घर है. सनातन धर्म गाय को एक पवित्र प्रतीक के रूप में पूजता है, बहुसंख्यक भारतीय इसे मानते हैं. हिंदू गाय को एक मां के रूप में मानते हैं.”
अजमल ने ये भी बोला कि इसीलिए मैं मुसलमानों से ईद के दौरान गायों को न मारने की अपील करता हूं. हम इस प्रथा का बहुत विरोध करते हैं. मुस्लिम समुदाय से उन्होंने धार्मिक दायित्व को पूरा करने और दूसरों की भावनाओं को आहत करने से बचने के लिए अन्य जानवरों का उपयोग करके बलि चढ़ाने का अनुरोध किया है.
ज्ञात हो कि अजमल का दल एआईयूडीएफ बीजेपी का विरोधी रहा है. इस पार्टी ने 2008 में दारुल उलुम देवबंद की एक अपील की बात भी कही, इसमें मुसलमानों से मवेशियों की बलि से बचने का आह्वान किया गया था.
13 विधायकों सहित, अजमल की पार्टी असम में एक प्रमुख विपक्षी दल है. इसको मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी के रूप में देखा जाता है. लगातार बीजेपी अजमल पर हमला करते हुए आरोप लगाती है कि वह बांग्लादेशियों का साथ देते हैं, पर गाय की बलि को लेकर अजमल की अपील बीजेपी और राज्य के मुस्लिम संगठनों दोनों के लिए हैरान कर देने वाली है. अजमल असम के मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र धुबरी से तीन बार के लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं.