नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर 35 हजार के पार चली गई है। पिछले 24 घंटों में 1993 संक्रमित और बढ़े हैं तथा 73 लोगों की मौत हुई है। इस संक्रमण से मरीजों का रिकवरी रेट भी 25.37 प्रतिशत हो गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोरोना के अब तक 35043 मामले सामने आ चुके हैं। अब तक 8889 मरीज ठीक हुए हैं। इस महामारी से 1147 की मौत भी हो चुकी है। 25007 मरीजों का इलाज चल रहा है। बीते 24 घंटे में इस महामारी से 73 लोगों की जान गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सख्त निगरानी बेहद जरूरी है। देश के सभी राज्यों के जिलों को 3 जोन में बांटा गया है। सभी को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की सलाह दी गई है। फिजिकल डिस्टेसिंग का पालन करने पर भी जोर दिया जा रहा है।
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सरकार ने फंसे हुए प्रवासी मजदूरों को अपने गृह राज्य में वापस जाने की स्वीकृति दे दी है। गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रेन के माध्यम से फंसे हुए लोगों की आवाजाही के लिए निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य सरकारें और रेल मंत्रालय ये आवाजाही अपनी सुविधानुसार सुनिश्चित करेंगे। कोरोना महामारी के दौर में केंद्र सरकार के अर्धसैनिक बल देशभर में लोगों तक बड़ी मदद पहुंचा रहे हैं। सीआरपीएफ ने दिल्ली से लेकर दंतेवाड़ा तक लोगों को काफी मदद पहुंचाई है। रायपुर में जरूरतमंदों में एक लाख किलो चावल भी वितरित किए हैं। इसी के साथ ही टेलीमेडिसिन की सुविधा भी लोगों के लिए उपलब्ध कर रहा है।
इसी तरह सशस्त्र सीमा बल नेपाल—भारत सीमा पर फंसे लोगों को मुसीबत में मदद पहुंचाने में लगा है। साथ ही सीआईएसएफ और बीएसएफ भी बड़े पैमाने पर कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में अपनी सहभागिता दर्ज कराते हुए लोगों को अपने—अपने तरीके से मदद मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जरूरत के हिसाब से लोग को छूट देने का काम किया जा रहा है। लेकिन सबको इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनकी छूटी से चूक गंभीर परिणाम दे सकते हैं।
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