कोरोना संकट से न सिर्फ भारत परेशान है बल्कि दुनिया के अधिकत्तर देश इससे प्रभावित हैं। इस महामारी ने न सिर्फ सेहत को नुकसान पहुंचाया है बल्कि गरीबी, बेरोजगारी व भुखमरी की तरफ ढकेल दिया है। इन सबके बीच प्रभावित देश धीरे—धीरे सुधार की दिशा में बढ़ते दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में लैटिन अमरीकी देश बोलिविया में कई यौनकर्मी अब अपने काम पर लौट रही हैं। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए वह दस्ताने, ब्लिच व पारदर्शी रेनकोर्ट का इस्तेमाल कर रही हैं। बता दें कि सेक्सवर्करों के लिए काम करने वाली संस्था ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ नाइट वर्कर्स ऑफ़ बोलिविया (ओटीएन-बी) के सुझावों पर सेक्सवर्करों ने ऐसा कदम उठाया हैं। इससे उन्हें सुरक्षित रहने में काफी मदद मिलेगी।
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गौरतलब है कि बोलिविया में देह व्यापार कानूनी है, लेकिन महामारी के बीच केवल लाइसेंस प्राप्त वेश्यालयों में ही कई नियमों के साथ इसकी मंजूरी दी गई है। कोरोना संकट के चलते मार्च में यहां भी लॉकडाउन लागू हो गया था लेकिन अब यहां भी छूट दे दी गई है। यौनकर्मियों पर अभी भी दिन में कई तरह की पाबंदी है तथा रात में कर्फ़्यू जारी रहता है। वेनेसा नाम की एक यौनकर्मी कहती है कि उनके दो बच्चे हैं। उन्हें अपने बच्चों की परवरिश व शिक्षा के लिए काम करना जरूरी है। वह बताती हैं कि उनके ग्राहक सुरक्षा के मामलों का पूरा ख्याल रखते हैं। वह इस बात को बाखूबी समझते हैं कि जो एहतियात बरता जा रहा है दोनों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
वहीं ओटीएन-बी के लोगों ने बीते महीने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने यौनकर्मियों को सुरक्षित रहने से संबधित 30 पेजों का एक मैनुअल भी सौंपा था। बता दें कि बोलिविया में अभी तक 50 हज़ार कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है और अब तक लगभग 1900 लोगों की इससे जान जा चुकी है। बीते सप्ताह बोलिविया की अंतरिम राष्ट्रपति जीनिन आनेज शावेज ने जानकारी दी थी कि वह भी कोरोना से पीड़ित हैं। वहीं बोलिविया में कोरोना जांच की धीमी रफ्तार से सभी परेशान हैं। ज्ञात हो कि बोलिविया लैटिन अमरीका के सबसे गरीब देशों में से एक है।
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