नई दिल्ली। भारत के लिए नासूर बना कश्मीर मुद्दा अनुच्छेद 370 हटने के बाद से हल होता नजर आ रहा है। इस प्रतिबंध के हटने के बाद कश्मीर पूर्ण रूप से भारत के अधिकार क्षेत्र में आ गया तो वहीं पाकिस्तान की दखल भी कम हो गई है। ऐसे में कश्मीर पर भारत को एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। ब्रिटेन की लेबर पार्टी का कश्मीर पर अपना भारत विरोधी रुख में बदलाव देखने को मिला है। लेबर पार्टी के नए नेता कीयर स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का अंदरूनी व द्विपक्षीय मामला है। स्टार्मर ने गुरुवार को लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की एक टीम से मुलाकात के बाद कहा कि हम एशिया के मुद्दों की वजह से यहां के समुदाय को विभाजित नहीं होने देना चाहते हैं।
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भारत का कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मुद्दा है और कश्मीर मामले को भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए। मालूम हो कि ब्रिटेन में भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लोगों की अच्छी तादाद है और दोनों ही समुदाय यहां की राजनीति में खासी अहमियत रखते हैं। खास बात यह है कि लेबर पार्टी के नवनियुक्त नेता स्टार्मर कश्मीर के मामले में अपने पूर्ववर्ती जेरेमी कार्बिन की नीतियों से दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं। इससे पहले जेरेमी ने कश्मीर में मानवता पर बहुत बड़ा संकट बताते हुए एक आपातकालीन प्रस्ताव पास किया था। ब्रिटेन में 15 लाख आबादी वाले भारतीय समुदाय के बीच जेरेमी की काफी आलोचना होती थी। 2019 में कार्बिन ने कश्मीर पर ट्वीट किया था, जिससे उनका रुख साफ हो गया था।
उन्होंने लिखा था कि कश्मीर के हालात बहुत ही परेशान करने वाले हैं। यहां मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है जो अस्वीकार्य है। कश्मीरियों के अधिकारों का सम्मान जरूर होना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू करने की सिफारिश भी की थी। कश्मीर से जब नरेंद्र मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाया तो सितंबर 2019 में कश्मीर पर प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। इस दौरान लेबर पार्टी ने कश्मीर में एक अंतरराष्ट्रीय टीम भेजने की मांग की थी तथा नागरिकों के लापता होने और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप भी लगाया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि कश्मीर के लोगों को आत्म-संकल्प का अधिकार मिलना चाहिए।
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