हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की अंबाला यूनिट को एक गुप्त सूचना मिली थी कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के कुछ सक्रिय सदस्य कुरुक्षेत्र और आसपास के इलाकों में किसी सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के लिए घूम रहे हैं। इस पुख्ता जानकारी के आधार पर एसटीएफ की टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और जीटी रोड स्थित उमरी (कुरुक्षेत्र) के ले-बाई क्षेत्र के पास घेराबंदी कर दी। टीम ने पूरी सतर्कता के साथ दबिश दी और मौके से चार संदिग्धों को काबू किया। पुलिस की इस तत्परता ने अपराधियों को संभलने का मौका तक नहीं दिया और उन्हें बिना किसी विरोध के सरेंडर करना पड़ा।
हथियारों का जखीरा और आपराधिक साजिश का खुलासा
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने जब आरोपियों की तलाशी ली, तो उनके पास से अवैध हथियारों का जखीरा बरामद हुआ। एसटीएफ के मुताबिक, इन शूटरों के पास से कई देशी पिस्तौल और भारी मात्रा में जिंदा कारतूस जब्त किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि ये चारों आरोपी लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सीधे संपर्क में थे और इन्हें विदेश में बैठे गैंग के आकाओं से निर्देश मिल रहे थे। बरामद किए गए हथियारों की गुणवत्ता और मात्रा को देखते हुए पुलिस का मानना है कि ये आरोपी किसी राजनेता, व्यापारी या विरोधी गैंग के सदस्य की हत्या करने की फिराक में थे।
अपराधियों की पहचान और गैंग का नेटवर्क
गिरफ्तार किए गए शूटरों की पहचान स्थापित कर ली गई है और वे हरियाणा के विभिन्न जिलों के रहने वाले बताए जा रहे हैं। इन अपराधियों का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है और ये पहले भी लूट, रंगदारी और हत्या के प्रयासों जैसे संगीन मामलों में शामिल रहे हैं। पूछताछ के दौरान इन्होंने स्वीकार किया है कि वे लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ सिंडिकेट को राज्य में और मजबूत करने के मिशन पर थे। ये शूटर मुख्य रूप से ‘वसूली’ (एक्सटॉर्शन) के लिए खौफ पैदा करने और टारगेट किलिंग को अंजाम देने के लिए तैनात किए गए थे। इस गिरफ्तारी से बिश्नोई गैंग के स्थानीय नेटवर्क को एक बड़ा नुकसान पहुंचा है।
प्रशासन की सख्ती: गैंगवार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस
हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में किसी भी तरह की गैंगवार या संगठित अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सदर थाना, थानेसर (कुरुक्षेत्र) में संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब इन शूटरों को रिमांड पर लेकर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इनके अगले निशाने पर कौन था और इन्हें हथियार और रसद (Logistics) उपलब्ध कराने में कौन-कौन लोग मदद कर रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस गैंग से जुड़े कुछ और बड़े चेहरों की गिरफ्तारी हो सकती है।