देशभर में ORS के नाम पर बेचे जा रहे नकली पेय उत्पादों को लेकर FSSAI ORS आदेश एक बड़ी चेतावनी बनकर आया है। हाल के महीनों में कई ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और दुकानों पर ऐसे फल वाले जूस और इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स बेचे जा रहे थे जिनकी पैकेजिंग बिल्कुल असली मेडिकल ORS जैसी होती थी। ग्राहक इन पर भरोसा कर इन्हें दवा समझकर खरीद लेते थे, जबकि इनमें WHO-स्वीकृत फॉर्मूला, जरूरी लवण और चिकित्सीय गुण बिल्कुल नहीं होते। FSSAI को लगातार शिकायतें मिलने के बाद उसने इस पूरे नेटवर्क पर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर दी।
सभी राज्यों को जारी हुआ आदेश
FSSAI ने अपने आदेश में साफ कहा है कि ORS की नकल करने वाले इन उत्पादों की बिक्री तुरंत रोकी जाए। राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे दुकानों, सुपरमार्केट, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और स्टॉक प्वाइंट्स पर त्वरित निरीक्षण करें। खास बात है कि कई कंपनियों ने अपनी पैकेजिंग इस तरह बनाई कि वह बिल्कुल मेडिकल ग्रेड ORS जैसी दिखे—सफेद पैकेट, हाइलाइटेड ‘ORS’, और मेडिकल टर्मिनोलॉजी का इस्तेमाल। FSSAI के मुताबिक यह खाद्य सुरक्षा कानून 2006 का सीधा उल्लंघन है, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं की सेहत को खतरा है। आदेश के बाद कई राज्यों में छापेमारी भी शुरू हो चुकी है, जिससे बाजार में खलबली मची है।
असली ORS पर नहीं है रोक
FSSAI ORS आदेश में स्पष्ट किया गया है कि असली मेडिकल ग्रेड ORS—जो WHO फार्मूला और मानकों पर आधारित है—उसकी बिक्री पर कोई रोक नहीं है। अस्पतालों, फार्मेसियों और चिकित्सकों द्वारा सुझाया गया ORS पूरी तरह सुरक्षित और आवश्यक है। समस्या उन कंपनियों से है जो असली ORS की तरह दिखने वाले पैक में सिर्फ फलों का जूस, फ्लेवर ड्रिंक या सादा इलेक्ट्रोलाइट पाउडर बेच रही थीं। इन उत्पादों का कोई चिकित्सीय फायदा नहीं होता। डिहाइड्रेशन, दस्त, उल्टी या हीटस्ट्रोक के दौरान ऐसे नकली पेय प्यास तो बुझा देते हैं लेकिन मरीज की हालत और खराब कर सकते हैं। यही कारण है कि FSSAI ने इसे जनता के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बताया है।
उपभोक्ताओं को जारी की गई चेतावनी
FSSAI ने उपभोक्ताओं को भी आगाह किया है कि वे किसी भी ORS खरीदने से पहले उसकी पैकेजिंग, निर्माता, लाइसेंस नंबर और सामग्री जरूर पढ़ें। अगर पैकेट पर ‘फ्रूट बेस्ड ड्रिंक’, ‘एनर्जी ड्रिंक’, ‘इलेक्ट्रोलाइट फ्लेवर’ जैसे शब्द लिखे हों, तो वह मेडिकल ORS नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई परिवार बच्चों और बुजुर्गों को इन नकली उत्पादों के भरोसे छोड़ देते हैं, जिससे शरीर में जरूरी खनिज और लवण की कमी तेजी से बढ़ सकती है। FSSAI ने राज्यों से इस मामले में रिपोर्ट जल्द भेजने का निर्देश दिया है, ताकि पूरे देश में इसे पूरी तरह नियंत्रित किया जा सके।
