PM Modi: भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर आखिरकार हस्ताक्षर हो गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करता है। अब भारतीय कंपनियों को ब्रिटेन में टैक्स और टैरिफ से राहत मिलेगी, जबकि ब्रिटिश कंपनियों को भारतीय बाजार में आसान पहुंच मिलेगी। इस FTA से ऑटो, टेक्सटाइल, फार्मा और आईटी सेक्टर को विशेष लाभ मिलने की उम्मीद है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस समझौते से आने वाले 5 वर्षों में दोतरफा व्यापार $100 अरब डॉलर को पार कर सकता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखा प्रधानमंत्री का मानवीय अंदाज़
FTA पर हस्ताक्षर के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक दिलचस्प पल तब आया जब एक भारतीय पत्रकार अंग्रेज़ी बोलते हुए हिचकिचाने लगे। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बीच में ही टोकते हुए कहा, “परेशान मत होइए, आप हिंदी में बोल सकते हैं… या बीच में अंग्रेज़ी भी चलेगी।” पीएम मोदी की इस बात पर माहौल हल्का हो गया और हॉल में ठहाके गूंज उठे। इस छोटे से लम्हे ने दिखाया कि कूटनीति और व्यापार से इतर भी इंसानियत और सहजता को जगह दी जा सकती है।
राजनीतिक और वैश्विक नज़रिए से भी अहम
यह समझौता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत और ब्रिटेन के रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। ब्रेग्ज़िट के बाद ब्रिटेन के लिए भारत जैसे बड़े और युवा उपभोक्ता बाजार में प्रवेश करना अहम हो गया था। वहीं भारत, वैश्विक व्यापार में अपने पंख फैलाने की कोशिश कर रहा है। राजनीतिक दृष्टिकोण से यह समझौता दोनों देशों की सरकारों के लिए बड़ी उपलब्धि है, खासतौर पर ऐसे समय में जब वैश्विक स्तर पर संरक्षणवाद और टैरिफ बाधाएं बढ़ रही हैं।