जीभ(tongue) का संबंध हमारी बीमारी से होता है. अगर हमें किसी बीमारी के बारे में जानना है तो हमें अपनी जीभ पर खासकर ध्यान देना होगा. शायद आपको याद भी हो कि जब हम छोटे थे और हमें कोई बीमारी हो जाती थी तो डॉक्टर हमें अपनी जीभ बाहर निकालने को कहते थे. उस समय तो हमने शायद इस कारण पर ध्यान ना दिया हो लेकिन असल में यह काम जीभ से सेहत का अंदाजा लगाने के लिए किया जाता था।
अध्ययनों से पता चलता है कि जीभ को देखकर किसी रोगों का निदान किया जा सकता है। इतना ही नहीं जीभ में होने वाले बदलाव को देखकर आप कैंसर और डायबिटीज जैसी भयंकर बीमारियों का भी आसानी से पता लगा सकते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक सामान्यतौर पर स्वस्थ जीभ हल्के गुलाबी रंग की होती है। अगर आपको इसके रंग या जीभ की बनावट में कोई बदलाव नजर आता है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। अमेरिका स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक में वरिष्ठ
चिकित्सक डैनियल एलन कहते है, जीभ में दर्द, इसके रंग की बहुत लाल होना या दाने निकलना कई रोगों का संकेत हो सकते हैं, जिसका समय पर निदान किया जाना आवश्यक है।
स्वस्थ लोगों में जीभ का रंग थोड़ा गाढ़ा या हल्का भी हो सकता है। हालांकि यदि जीभ का रंग सुर्ख लाल, पीला या काला
हो जाए या फिर कुछ भी खाने या पीने के दौरान आपको दर्द का अनुभव हो तो यह शरीर में किसी बीमारियों का संकेत हो सकता है, जिसका समय पर निदान आवश्यक है।
आज हम आपको उन्हीं कारणो के बारे में बताने जा रहे हैं और ये भी जानते हैं कि जीभ का बदला रंग हमें किस बीमारी का संकेत देता है.
जीभ पर सफेद कोटिंग
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जीभ पर सफेद धब्बे या कोटिंग जैसी बनावट ओरल थ्रश के कारण हो सकती है। ओरल थ्रश एक प्रकार का ईस्ट संक्रमण होता है। ओरल थ्रश आमतौर पर शिशुओं और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है। इसके
अलावा जीभ पर सफेद कोटिंग ल्यूकोप्लाकिया के कारण भी हो सकती है। तंबाकू उत्पाद का सेवन करने वाले लोगों में यह समस्या अधिक होती है। कुछ स्थितियों में यह ल्यूकोप्लाकिया कैंसर का भी संकेत माना जाता है।
जीभ का लाल होना
जीभ का रंग गुलाबी ना होकर यदि सुर्ख लाल है तो इसे कुछ विटामिन्स की कमी का संकेत माना जाता है। बच्चों में होने
वाले कावासाकी रोग में भी जीभ लाल रंग की हो जाती है। इसके अलावा स्कार्लेट फीवर जैसे संक्रमण की स्थिति में भी जीभ का रंग लाल हो सकता है।
जीभ का रंग काला होना
कुछ लोगों की जीभ का रंग काला पड़ने लगता है, देखने में यह काफी खतरनाक लगता है, हालांकि आमतौर पर यह कोई गंभीर या चिंताजनक स्थिति नहीं होती है और मुंह की सफाई रखने से अक्सर ठीक हो जाती है। हालांकि डायबिटीज के
कुछ रोगियों में जीभ का रंग काला हो जाने की समस्या का निदान किया गया है। बहुत अधिक एंटीबायोटिक्स लेने या कीमोथेरेपी कराने वाले लोगों में भी इस तरह की समस्या हो सकती है।
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