नई दिल्ली। कोरोना योद्धाओं पर लगातार बढ़ रहे हमलों को लेकर केंद्र सरकार अब कड़े एक्शन के मूड में आ गई है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मचारियों को लेकर सरकार अध्यादेश लेकर आई है, जो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू कर दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया है। इसमें मेडिकल कर्मियों पर हमला करने वालों को 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में मामलों की जांच तीस दिन में पूरी कर ली जाएगी। 1 से 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। ये सब मामले की गंभीरता पर निर्भर होगा। अगर बहुत गंभीर केस है, तो 6 महीने से 7 साल तक की सजा का तय है। वहीं कम गंभीर मामलों 3 महीने से 5 साल तक की सजा होगी। दो लाख रुपए तक का जुर्माना लगाए जाने का भी प्रावधान है।
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जावड़ेकर ने बताया कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा। इस तरह के अपराध अब गैर-जमानती होंगे। इसमें डॉक्टरों से लेकर आशा वर्कर्स तक सभी तरह के स्वास्थ्यकर्मी शामिल होंगे। कोरोना योद्धाओं पर हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमला दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना योद्धाओं के खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एक अध्यादेश लाया गया है जो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस महामारी से पहले पूरी दुनिया में कहीं भी कोविड अस्पताल नहीं था। सभी स्थानों पर अस्पताल बनाए गए हैं। भारत में बनाए कोविड अस्पतालों में 24000 आईसीयू बेड और 12190 वेंटिलेंटर हैं। यह काम तीन महीने में पूरा किया गया। भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी को आया था। हम तभी से तैयारी में लग गए। अभी हमारे पास 77 पीपीई मैन्यूफैक्चररर्स हैं, जो रोज सामान उपलब्ध करा रहे हैं। 25 लाख एन 95 मास्क की उपलब्ध है।
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