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रोहित के बाद सूर्या की बारी? शुभमन को मिली दो फॉर्मेट की कमान, अजीत आगरकर के बयान से मचा सियासी सन्नाटा!

टीम इंडिया की कप्तानी पर फिर उठे सवाल, क्या खत्म हो रहा है सूर्यकुमार यादव का दौर? आगरकर के बयान ने क्रिकेट गलियारों में बढ़ाई बेचैनी।

Shubman Gill

ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान होते ही क्रिकेट गलियारों में सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। बीसीसीआई ने वनडे टीम की कमान शुभमन गिल को सौंपकर बड़ा कदम उठाया है। इससे पहले टेस्ट फॉर्मेट में भी रोहित शर्मा की जगह गिल को कप्तान बनाया गया था। यानी अब युवा बल्लेबाज दो फॉर्मेट का चेहरा बन चुके हैं। लेकिन असली चर्चा तब छिड़ी जब मुख्य चयनकर्ता अजीत आगरकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – “तीनों फॉर्मेट में अलग-अलग कप्तान रखना मुश्किल होता है।” इस एक बयान ने क्रिकेट विश्लेषकों और फैंस को सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या बीसीसीआई अब एकीकृत कप्तानी मॉडल की ओर बढ़ रही है? अगर ऐसा हुआ, तो सूर्यकुमार यादव की टी20 कप्तानी खतरे में पड़ सकती है।

आगरकर के बयान से बढ़ी अटकलें

अजीत आगरकर के इस बयान को सिर्फ एक सामान्य टिप्पणी नहीं माना जा रहा। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि चयन समिति अब दीर्घकालिक रणनीति पर काम कर रही है, जिसमें एक ही कप्तान को तीनों फॉर्मेट की बागडोर सौंपी जा सकती है। शुभमन गिल की लगातार बेहतरीन फॉर्म, शांत नेतृत्वशैली और टीम के साथ बढ़िया तालमेल उन्हें ‘नेक्स्ट जेनरेशन लीडर’ के रूप में पेश कर रहे हैं। दूसरी ओर, सूर्यकुमार यादव का टी20 रिकॉर्ड भले ही शानदार रहा हो, लेकिन बीते कुछ महीनों में उनकी कप्तानी को लेकर सवाल उठे हैं। खासतौर पर पिछले टी20 सीरीज में टीम की अस्थिरता और रणनीतिक गलतियों ने सेलेक्टर्स को सोचने पर मजबूर किया है। आगरकर का इशारा इस ओर हो सकता है कि बीसीसीआई धीरे-धीरे नई दिशा तय कर रही है, जहां गिल को भविष्य का सर्वफॉर्मेट कप्तान बनाया जाए।

क्या खत्म हो रहा है सूर्यकुमार का कप्तानी अध्याय?

अब सबसे बड़ा सवाल यही है — क्या सूर्यकुमार यादव का कप्तानी अध्याय समाप्त होने की कगार पर है? क्रिकेट के जानकारों के मुताबिक, अगर गिल ऑस्ट्रेलिया दौरे में वनडे में सफलता हासिल करते हैं, तो यह लगभग तय माना जा सकता है कि भविष्य में टी20 की कमान भी उन्हीं को सौंपी जाएगी। गिल का शांत स्वभाव, स्थिर मानसिकता और युवा खिलाड़ियों के साथ सहज तालमेल उन्हें टीम इंडिया का नया चेहरा बना रहा है। वहीं, सूर्यकुमार के सामने अब खुद को साबित करने की चुनौती होगी — चाहे वो बल्ले से हो या बतौर लीडर। फैंस के बीच यह बहस तेज है कि क्या एक बार फिर भारतीय क्रिकेट में ‘वन-कैप्टन पॉलिसी’ लौटेगी? अगर हां, तो ये बदलाव भारतीय क्रिकेट की दशा और दिशा दोनों को बदल सकता है।

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