73 मीटर का तूफ़ानी छक्का! शेफाली वर्मा के धमाके से गूंज उठा वर्ल्ड कप फाइनल, सचिन भी रह गए दंग

वर्ल्ड कप फाइनल में Shafali Verma ने 87 रन की धमाकेदार पारी खेली, जिसमें एक छक्का 73 मीटर तक गया — देखें कैसे बनी मैच की शोभा।

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Shafali Verma

जब India Women’s cricket team और South Africa Women’s cricket team के बीच ICC Women’s World Cup Final 2025 का महामुकाबला हुआ, उस वक्त सामने था न सिर्फ ट्रॉफी बल्कि इतिहास का मौका। भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फैसला किया और पिच पर जमी राखी-बरसात की स्थिति के बावजूद, शैफाली ने आगाज में धमाका कर दिया। उनके पहले कुछ ही ओवरों के भीतर आक्रमक अंदाज़ ने दर्शकों का ध्यान खींचा और उम्मीदों को नई दिशा दी।

73 मीटर का वो छक्का — और क्या रहा सचिन का रिएक्शन

शैफाली ने अपनी पारी में एक ऐसा शॉट मारा, जिसे देख रस्मी तौर पर हर क्रिकेट फैन की धड़कन बढ़ गई। उन्होंने एक छक्का मारा जो करीब 73 मीटर तक गया — सीधे साइट स्क्रीन के ऊपर से निकल गया।
यह वो पल था जब मैदान में बैठे महान Sachin Tendulkar भी चकित रह गए। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने उस छक्के को अपने क्रिकेट जीवन में यादगार एक छक्कों से जोड़ा। मनोरंजन-महसूस करिए उस लम्हे का, जब एक युवा बल्लेबाज़ ने पुराने महान की याद ताज़ा कर दी।

पारी के 87 रन — दबाव में निखरी आतिशी बैटिंग

शैफाली की पारी सिर्फ एक छक्के तक सीमित नहीं रही — उन्होंने 87 रन बनाकर टीम को एक शानदार गति दी।
उनका यह आंकड़ा इस मैच के मोड़ बदलने वाले पल साबित हुआ। उन्होंने बेहद दबाव वाली स्थिति में आकर धैर्य, आक्रमण और संयम का संतुलन बनाया। इस पारी ने यह दिखाया कि न सिर्फ क्षमता बल्कि मानसिक तैयारी भी है। मैच के अहम क्षणों में उन्होंने गेंदबाजी को छकाओं और लगातार रन से बंद कर दिया। विपक्षी टीम को राह आसान नहीं मिलने दी गई।

टीम इंडिया का मंच — माहौल, सहयोग और रणनीति

इस फाइनल में टीम इंडिया ने सामूहिक प्रयास किया। उद्घाटन स्टार Smriti Mandhana के साथ शैफाली ने जो शुरुआत दी, उसने मुकाबले की दिशा तय कर दी।
मैदान में मौजूद घरेलू माहौल, दर्शकों का उत्साह और घरेलू समर्थन ने भी भारतीय टीम को बढ़ावा दिया। हालांकि इस हाई-प्रेशर मैच में कई मोड़ आए — लेकिन शैफाली ने उस स्थिति में शांति बनाए रखी। विरोधी गेंदबाजी हमले और बदलाव के बावजूद उन्होंने अपना गेम पाया। यह पारी यह संकेत थी कि भारतीय महिला क्रिकेट अब अकेले अकेले बड़ी-बड़ी चुनौतियों से पार पा रही है।

क्या यह भारतीय महिला टीम की ट्रॉफी की उम्मीद जगाती है?

जब टीम फाइनल में होती है, तो सिर्फ पारी ही नहीं बल्कि जीत की चाह भी बड़ी काम करती है। शैफाली की पारी ने भारतीय टीम को बड़ा लक्ष्य छूने लायक बना दिया। लेकिन क्रिकेट में सिर्फ एक शानदार पारी काफी नहीं — सामूहिक रणनीति, गेंदबाजी समर्थन और फील्डिंग का योगदान भी महत्वपूर्ण होता है।
इस फाइनल ने यह भी दिखाया कि भारतीय महिलाओं का क्रिकेट अब ग्लोबल मुकाबलों में और दृढ़ हो रहा है। अगर इस तरह की बैटिंग नियमित हुई, तो आने वाले समय में ट्रॉफी-विजेता की उम्मीद बंध गई है।

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