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कप्तानी गई, पर क्लास नहीं! Rohit Sharma ने तोड़ी चुप्पी, ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर दिया चौंकाने वाला

वनडे टीम की कप्तानी से हटने के बाद रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी बात रखी। सीएट क्रिकेट अवॉर्ड्स में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया दौरे, क्रिकेट के प्रति अपने जज़्बे और खेल के सम्मान पर दिल से बात की। जानिए क्या कहा हिटमैन ने...

Rohit Sharma

भारतीय क्रिकेट के सीनियर खिलाड़ी और पूर्व वनडे कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने कप्तानी से हटने के बाद पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से अपनी चुप्पी तोड़ी है। मुंबई में आयोजित सीएट क्रिकेट रेटिंग अवॉर्ड्स 2025 में पहुंचे रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने भले ही कप्तानी छिनने को सीधे तौर पर एड्रेस न किया हो, लेकिन उनके शब्दों में बहुत कुछ छुपा था।

बातचीत के दौरान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने कहा, “मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना हमेशा अच्छा लगता है। वहां के लोग क्रिकेट की बारीकियों को समझते हैं, और उसका सम्मान करते हैं। वहां खेलने का अनुभव हमेशा खास होता है।”

इस बयान ने एक तरफ़ उनके फोकस को खेल पर बने रहने का संकेत दिया, वहीं दूसरी ओर यह भी साफ़ कर दिया कि कप्तानी की जिम्मेदारी भले ही अब उनके पास न हो, लेकिन उनका क्रिकेट के प्रति समर्पण पहले जैसा ही है।

Rohit Sharma ने ऑस्ट्रेलिया दौरे को बताया दिल के करीब

रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की पहचान सिर्फ एक बड़े हिटर के तौर पर नहीं, बल्कि एक शांत और संतुलित कप्तान के रूप में भी रही है। उन्होंने मैदान पर कई बार अपने फैसलों और रणनीतियों से टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला है। अब जबकि बीसीसीआई ने वनडे फॉर्मेट में नई कप्तानी की दिशा में कदम बढ़ाया है, रोहित शर्मा (Rohit Sharma) इस बदलाव को सम्मान के साथ स्वीकार करते दिख रहे हैं।उन्होंने कहा, “क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, ये एक भावना है। हम सब इसी खेल से बड़े हुए हैं। इसलिए इसका सम्मान करना सबसे ज़रूरी है।”

इस लाइन में वो सब कुछ था जो एक लीडर कहे बिना भी कह सकता है — कप्तानी जाए या रहे, क्रिकेट से जुड़ाव और उसका सम्मान कभी नहीं जाना चाहिए। उनकी ये परिपक्वता, शायद यही वजह है कि उन्हें “हिटमैन” के साथ-साथ “लीडर ऑफ मैन” भी कहा जाता है।

सवाल कई हैं, पर Rohit Sharma का जवाब सिर्फ ‘क्रिकेट’

जहां एक ओर सोशल मीडिया पर फैंस और एक्सपर्ट्स इस फैसले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं, वहीं रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने एक बार फिर साबित किया है कि वे मैदान के बाहर भी उतने ही प्रोफेशनल हैं जितने अंदर। उन्होंने किसी को कटघरे में खड़ा नहीं किया, न ही किसी पर सवाल उठाए। उन्होंने सिर्फ क्रिकेट की बात की — उस क्रिकेट की, जिसकी बदौलत वो आज वहां खड़े हैं।

इस पूरे इंटरव्यू में एक भी बार रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने न तो कप्तानी शब्द का ज़िक्र किया, और न ही किसी फैसले पर नाराज़गी जताई। उन्होंने अपनी भावनाओं को खेल के प्रति प्यार और सम्मान के रूप में ज़ाहिर किया। यह अपने आप में एक बड़ा संदेश है — कि क्रिकेट में हर खिलाड़ी आता है, जाता है, लेकिन जो हमेशा साथ रहता है, वो है खेल के लिए इज़्ज़त।

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