Shani Gemstone: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह के लिए अनुकूल रत्न का जिक्र किया गया है। 84 उपरत्न और पांच प्रमुख रत्न का ज्योतिष शास्त्र में उल्लेख किया गया है हर रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित है। इसी तरह नीलम रत्न शनिदेव का प्रतीक माना जाता है यह रत्न जिस व्यक्ति को अनुकूल बैठ जाए उसके जीवन में भौतिक सुख और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह रतन तुरंत प्रभाव दिखाने वाला माना जाता है लेकिन इसे धारण करने से पहले कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।
इन राशि वालों के लिए बेहद शुभ होता है नीलम रत्न
शनि का रत्न नीलम धारण करने से कैरियर और व्यवसाय में तेजी से तरक्की होती है। इसके साथ ही इस रत्न के शुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है नींद संबंधी परेशानियों में राहत मिलती है। जिनकी कुंडली में शनि देव उच्च भाव में विराजमान है वह नीलम पहन सकते हैं मकर और कुंभ राशि वालों के लिए नीलम अत्यंत शुभ रहता है क्योंकि इन दोनों राशियों पर शनि देव का आधिपत्य होता है। इसके अलावा वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला राशि के जातक भी कुंडली के विश्लेषण के बाद इसे धारण कर सकते हैं।
नीलम रत्न पहनने के नियम
इसे चांदी या पंच धातु में बनवाना उत्तम रहता है इस अंगूठी या लॉकेट के रूप में धारण किया जा सकता है। नेहा को दाहिने हाथ की माध्यम में पहनना चाहिए शनिवार को नीलम धारण करना बहुत ही विशेष माना जाता है। पहनने से पहले इसे गंगाजल और कच्चे दूध में धोकर शुद्ध करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां पर प्राप्त जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News India इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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