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31 साल पुरानी पहचान पर विराम? सपा को खाली करनी पड़ी मुलायम सिंह की विरासत वाली कोठी!

मुरादाबाद सिविल लाइंस की कोठी पर खत्म हुआ सपा का कब्जा, 250 रुपये महीने किराए पर मिली थी ये ऐतिहासिक जगह

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UP News: समाजवादी पार्टी के लिए एक युग का अंत होता दिख रहा है। मुरादाबाद के सिविल लाइंस इलाके में स्थित वह ऐतिहासिक कोठी, जिसे कभी मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक विरासत का प्रतीक माना जाता था, अब सपा को खाली करनी पड़ेगी। 31 साल से पार्टी का जिला कार्यालय बनी इस कोठी को लेकर अब प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी अनुज कुमार सिंह ने सपा को 30 दिन के भीतर जगह खाली करने का नोटिस भेज दिया है। कोठी का किराया मात्र 250 रुपये प्रति महीना था, लेकिन अब इसे सरकार को लौटाना होगा।

सपा की नींव से जुड़ी रही कोठी, अब विवादों में

राजनीतिक इतिहास की गवाह रही यह कोठी सपा की शुरुआत से ही पार्टी के स्थानीय संचालन का केंद्र रही है। 1990 के दशक में समाजवादी विचारधारा को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए जिस भवन को चुना गया, वही अब पार्टी से वापस लिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लंबे समय से किराया और आधिकारिक कागज़ातों को लेकर अनियमितताएं बनी हुई थीं। यही कारण रहा कि प्रशासन ने कोठी पर कब्जा खाली कराने का फैसला लिया। हालांकि, स्थानीय नेताओं में इस फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। कुछ नेता इसे “राजनीतिक दबाव” का नतीजा भी बता रहे हैं।

सपा की जड़ों पर सवाल, क्या कमजोर हो रही है पकड़?

इस निर्णय के बाद सपा की राजनीतिक विरासत पर सवाल खड़े हो गए हैं। कोठी खाली करना न केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया है, बल्कि इसे एक भावनात्मक और प्रतीकात्मक झटका भी माना जा रहा है। यह वही स्थान है जहां से कई बड़े नेताओं ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या समाजवादी पार्टी समय के साथ अपनी जड़ों से दूर होती जा रही है, या फिर ये बदलाव नई रणनीति का हिस्सा है? आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि सपा इस फैसले को कैसे लेती है और क्या वह इसे चुनौती देती है या खामोशी से कोठी खाली कर देती है।

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