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महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल: अजित पवार गुट के मंत्री पर गिरफ्तारी वारंट, कोर्ट के फैसले से बढ़ी मुश्किलें

Manikrao Kokate News में बड़ा मोड़, नासिक कोर्ट ने महाराष्ट्र के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, धोखाधड़ी और जालसाजी मामले में दो साल की सजा बरकरार।

महाराष्ट्र की राजनीति में उस वक्त हलचल तेज हो गई, जब नासिक की सेशन कोर्ट ने अजित पवार गुट के वरिष्ठ नेता और राज्य के खेल मंत्री माणिकराव कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। यह कार्रवाई धोखाधड़ी और जालसाजी के एक पुराने मामले में की गई है, जिसमें कोकाटे को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है और दो साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। नासिक सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के 20 फरवरी के आदेश को बरकरार रखते हुए साफ किया कि मंत्री ने आरक्षित श्रेणी के फ्लैट का लाभ लेने के लिए कथित तौर पर फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। अदालत के इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है, क्योंकि मामला सीधे तौर पर एक मौजूदा मंत्री से जुड़ा है। कोर्ट का कहना है कि कानून के सामने हर व्यक्ति समान है, चाहे वह कितना ही बड़ा पद क्यों न संभाल रहा हो।

1995 के मामले ने फिर पकड़ा तूल, दोषसिद्धि बरकरार

यह मामला वर्ष 1995 से जुड़ा हुआ है, जब माणिकराव कोकाटे पर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप लगे थे। आरोपों के अनुसार, उन्होंने सरकारी योजना के तहत आरक्षित फ्लैट हासिल करने के लिए गलत और भ्रामक दस्तावेजों का सहारा लिया। लंबे समय तक चले मुकदमे के बाद निचली अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी। हाल ही में नासिक सेशन कोर्ट ने इस सजा को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया। इसके साथ ही अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि दोषसिद्धि के बाद आरोपी को कानूनन सजा का सामना करना ही होगा। गिरफ्तारी वारंट जारी होने से यह साफ हो गया है कि कोर्ट इस मामले में कोई नरमी बरतने के मूड में नहीं है। इस फैसले ने एक बार फिर पुराने मामलों में लंबित सियासी चेहरों की जवाबदेही पर बहस छेड़ दी है।

बॉम्बे हाई कोर्ट की शरण में मंत्री, तत्काल सुनवाई की मांग

गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद माणिकराव कोकाटे ने राहत की उम्मीद में बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है। उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और दो साल की सजा के खिलाफ याचिका दायर की है। बुधवार को उनके वकील अनिकेत निकम ने जस्टिस आर एन लड्ढा की सिंगल बेंच के सामने मामले को रखा और तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया। हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए शुक्रवार के लिए सुनवाई तय कर दी है। हालांकि, इस दौरान कोकाटे की ओर से दोषसिद्धि पर रोक लगाने की कोई औपचारिक मांग नहीं की गई, जिसके चलते कोर्ट ने इस संबंध में कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया। इसका मतलब यह है कि फिलहाल निचली अदालत और सेशन कोर्ट का आदेश प्रभावी बना हुआ है। हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर अब सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यहीं से तय होगा कि मंत्री को कोई अंतरिम राहत मिलती है या नहीं।

राजनीतिक असर और आगे की राह, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

माणिकराव कोकाटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने का सीधा असर महाराष्ट्र की राजनीति पर पड़ता दिख रहा है। वह अजित पवार गुट के प्रमुख चेहरों में गिने जाते हैं और मौजूदा सरकार में खेल मंत्री का अहम पद संभाल रहे हैं। ऐसे में उनके खिलाफ अदालत की सख्ती विपक्ष को सरकार पर हमलावर होने का मौका दे सकती है। वहीं, सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए भी यह स्थिति असहज मानी जा रही है। कानूनी जानकारों का कहना है कि अगर हाई कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो गिरफ्तारी की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है और इसका राजनीतिक भविष्य पर भी असर पड़ सकता है। इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पुराने मामलों में दोषी ठहराए गए नेताओं को संवैधानिक पदों पर बने रहना चाहिए। आने वाले दिनों में हाई कोर्ट का फैसला न सिर्फ माणिकराव कोकाटे की किस्मत तय करेगा, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में भी नई दिशा तय कर सकता है।

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